नई दिल्ली। भारत ने ब्रिटिश सरकार से भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या को शरण ना देने का आग्रह किया है। भारत सरकार ने कहा है कि वह विजय माल्या के जल्द प्रत्यपर्ण को लेकर ब्रिटिश सरकार के संपर्क में है। 64 वर्षीय माल्या भारत में अपनी दोषपूर्ण कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद धोखाधड़ी के आरोपों में वांछित है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमने ब्रिटेन के पक्ष से अनुरोध किया है कि यदि माल्या के द्वारा अनुरोध किया गया है तो उनकी शरण पर विचार न करें।
विजय माल्या ने पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील गवां दी थी और उन्हें यूनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति से इनकार कर दिया गया था।हालांकि, एक और कानूनी मुद्दा है जिसे माल्या के प्रत्यर्पण की व्यवस्था करने से पहले हल करने की आवश्यकता है। ब्रिटेन के कानून के तहत, इसका निराकरण होने तक प्रत्यर्पण नहीं हो सकता। ब्रिटिश अधिकारीयों के अनुसार ' मुद्दा गोपनीय है और हम विवरण में नहीं जा सकते। हम अनुमान नहीं लगा सकते कि इस समस्या को हल होने में कितना समय लगेगा।'
विजय माल्या ने पिछले महीने उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसने उनकी दोषपूर्ण कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के परिणामस्वरूप धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करने के लिए भारत को प्रत्यर्पित करने के लिए 2018 के फैसले को बरकरार रखा था।
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भारत ने ब्रिटिश सरकार से विजय माल्या को शरण ना देने का आग्रह किया