न्यूजीलैंड में क्राईस्टचर्च हमले की लाइव स्ट्रीमिंग के बाद फेसबुक, गूगल और एपल जैसी दिग्गज कंपनियों पर शिंकजा कसता जा रहा है। आस्ट्रलिया और ब्रिटेन में इन कंपनियों पर लगाम के लिए नए बिल लाने की तैयारी में है। वहीं फ्रांस के सांसदों ने फेसबुक, गूगल और एपल पर एक नए कर को मंजूरी दे दी। इसके चलते उस अमेरिका की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायरा ने कहा कि फ्रांस को इस तरह का कदम उठाने पर गर्व है। अमेरिका ने फ्रांस से इस योजना को टालने का आग्रह किया था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि यह योजना अमेरिकी कंपनी और फ्रांस के नागरिकों दोनों को प्रभावित करेगा, जो इन मंचों का इस्तेमाल करते हैं। नैशनल एसेंबली में इस प्रस्ताव को 55 मत के साथ मंजूर किया जबकि इसके विरोध में 4 मत पड़े। जबकि 5 सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
इस कानून बनने से पहले सीनेट या उच्च सदन में मतदान के लिए रखा जाएगा। इस कानून को" गाफा " (गूगल , अमेजन,फेसबुक और एपल) नाम दिया है।यह उस समय आया है, जब दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में से कुछ कंपनियों को कम कर का भुगतान करने की वजह से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।फ्रांस के वित्त मंत्री ने संसद में मतदान से पहले कहा, फ्रांस को इस तरह विषयों पर अगुवाई करने में गर्व महसूस हो रहा है। यह मसौदा 21 वीं सदी के लिए अधिक प्रभावी और निष्पक्ष कर प्रणाली की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि यह " अस्वीकार्य है कि डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां उपभोक्ताओं के आंकड़ों से भारी मुनाफा कमाती है लेकिन " फ्रांस में होने वाले लाभ पर विदेश में कर लगाया जाता है।
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फेसबुक, गूगल व एपल पर डिजिटल कर लगाएगा फ्रांस, अमेरिका नाराज