नई दिल्ली । देशभर के सभी कोविड कोच किसी स्थानीय अस्पताल से जुड़े होंगे। मामूली और और नाममात्र के संक्रमण वाले कोविड केस ही इनमें भेजे जाएंगे। इनमें एक एंबुलेंस भी मौजूद होगी जो आवश्यकता होने पर मरीज़ को अस्पताल ले जाएगी। कहीं पर कोविड कोच में तापमान ज़्यादा होने पर रेलवे ताप अवरोधक (इंसलेशन) के द्वारा या अन्य तरीक़े से तापमान को नियंत्रित करेगी। रेलवे ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली के शकूरबस्ती स्टेशन पर 50 कोविड-19 कोच खड़े कर दिए हैं, जिनमें 800 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था है। दिल्ली के लिए ऐसे 500 कोच उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनको राज्य सरकार अपनी मांग के अनुसार लेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रेलवे अपने 5231 विशेष कोविड-19 कोच के साथ पूरी तरह तैयार हैं। दिल्ली सहित विभिन्न स्थानों पर कोच पूरी तरह तैयार कर खड़े कर दिए गए हैं और राज्यों की मांग के अनुसार उनको तत्काल मुहैया कराया जा सकता है। यादव ने कहा कि रेलवे की दिल्ली सरकार के साथ सोमवार को विशेष बैठक हुई, जिसमें रेलवे के विशेष कोविड-19 कोच उपलब्ध कराने को लेकर बातचीत की गई। उन्होंने कहा कि कोविड कोच के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जहां तक संभव हो एक केबिन में एक ही मरीज़ होगा। दबाव बढ़ने पर अधिकतम दो मरीज़ एक केबिन में रह सकते हैं। पॉजि़टिव केस अलग कोच में और संदिग्ध अलग कोच में होंगे।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 60 लाख से ज़्यादा यात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाया जा चुका है। यह प्रक्रिया अभी जारी है। विभिन्न राज्यों से श्रमिक ट्रेनों की मांग अब बहुत कम रह गई है। श्रमिक ट्रेनों का प्रति व्यक्ति औसतन टिकट 600 रुपये रहा है। इस किराये को स्पेशल ट्रेन के अनुसार निर्धारित न करके सामान्य मेल-एक्सप्रेस ट्रेन के अनुसार निर्धारित किया है। ये रेल परिचालन की लागत का 15 फीसदी है। शेष 85 फीसदी केंद्र सरकार ने वहन किया है।
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शकूरबस्ती में 50 आइसोलेशन कोच तैनात