नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में अब जिले के अंदर डीएम ही सबकुछ हैं। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में कुछ अहम फैसला लिए गए थे जिसे दिल्ली सरकार लागू करवा रही है। दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी होते हैं वो कोरोना से जुड़े सभी मामलों के निरीक्षण और प्रबंधन के प्रशासनिक प्रमुख के तौर पर काम करेंगे। जिले के अंदर एक यूनिफाइड कमांड होगी, इसलिए दिल्ली पुलिस के सभी डीसीपी, नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर, दूसरे सभी विभागों के जिला प्रमुख और दिल्ली सरकार के अस्पतालों के प्रमुख आदि अपने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट करेंगे और कोरोना के लिए उन्हीं की कमांड, कंट्रोल और निरीक्षण में काम करेंगे।
जिला स्तर के सभी अधिकारियों जैसे दिल्ली पुलिस के डीसीपी और नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर का प्रदर्शन कैसा है, ये उनके डीएम तय करेंगे और आगे के अधिकारियों को भेजेंगे। यानी अब डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ही जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख के तौर पर कोरोना महामारी के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे और सभी दिशा-निर्देश आदेश दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश, केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश लागू कराएंगे। दरअसल, राज्यों में जिले के अंदर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी जिला अधिकारी ही सबसे बड़े अधिकारी होते हैं। हालांकि, दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है, इसलिए यहां पर अलग-अलग एजेंसी और अथॉरिटी होने के चलते सब अपने हिसाब से काम करते हैं और अपनी ही एजेंसी या अथॉरिटी में अधिकारियों को रिपोर्ट करते हैं। हालांकि, अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले के बाद दिल्ली में कोरोना के लिए जिले में डीएम ही सबकुछ हैं।
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कोरोना से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई यूनिफाइड कमांड