YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

 राजाजी नेशनल पार्क में लाए जाएंगे 5 बाघ

 राजाजी नेशनल पार्क में लाए जाएंगे 5 बाघ

देहरादून । उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क में तीन सालों से पांच बाघों को लाने की योजना पर काम हो रहा है। यह पार्क वैसे तो एशियाई हाथियों के लिए मशहूर है, लेकिन यहां बाघों के लिए भी अनुकूल वातावरण है, इसलिए इसे 2015 में टाइगर रिजर्व बना दिया गया। पार्क में मौजूदा समय में 34 से अधिक बाघ हैं, लेकिन ये बाघ केवल पार्क के ईस्टर्न पार्ट चीला, गोहरी, रवासन और श्यापुर रेंज में ही हैं। जिसका क्षेत्रफल करीब 270 वर्ग किलोमीटर के आसपास है, जबकि पार्क के दूसरे हिस्से वेस्टर्न पार्ट में मोतीचूर रेंज पड़ती है, जिसमें मात्र इन 34 में से दो बाघिन ही मौजूद हैं। दरअसल, गंगा नदी पार्क के इस्‍टर्न और वेस्टर्न पार्ट को विभाजित करती है। इसके चलते मोतीचूर के इस क्षेत्र में अन्य हिस्सों से बाघों की आवाजाही नहीं हो पाती। लिहाजा मोतीचूर क्षेत्र में सालों से अकेली रह रही बाघिनों के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है, इसके लिए यहां पांच बाघ लाने की योजना है। इसके लिए 2017 में करीब दो करोड़ सत्तर लाख की मदद से यहां पांच बाघ लाने की योजना बनाई गई थी। एनटीसीए ने पिछले साल इसके लिए पचास लाख रुपए जारी किए थे, इस साल इसी हप्ते एनटीसीए ने चालीस लाख रुपए की दूसरी किस्त भी जारी कर दी है। राजाजी टाइगर रिजर्व के डायेक्टर अमित वर्मा ने कहा कि कार्बेट लैंडस्केप से पांच बाघ लाने की योजना बनाई गई है। इसमें पहला बाघ अक्टूबर में लाया जाएगा। बाघ के इस ट्रांसलोकेशन के लिए जरूरी सभी सुविधाएं जुटा ली गई हैं। डायरेक्टर अमित वर्मा ने कहा कि यदि ये ऑपरेशन सफल रहता है तो शेष चार अन्य बाघों को भी जल्द शिप्ट कर लिया जाएगा। इसके साथ ही देश में बाघों के ट्रांसलोकेशन का यह तीसरा प्रयोग होगा।

Related Posts