नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में टिड्डियों के संभावित हमले के मद्देनजर दिल्ली के श्रम और विकास मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को एक आपात बैठक के बाद एक एडवाइजरी जारी कर सभी जिला अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने दवा का छिड़काव कराने के इंतजाम करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही दिल्ली के गांवों और सभी इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को इस बारे में सूचित करने को भी कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने टिड्डी दल को भगाने के लिए वन विभाग को डीजे बजाने, ढोल और ड्रम बजाने के लिए भी कहा है।
इस आपात बैठक में टिड्डियों के हमले से बचने के अन्य उपाय तलाशने पर भी चर्चा की गई। बैठक में विकास सचिव, संभागीय आयुक्त, कृषि निदेशक और जिला मजिस्ट्रेट भी उपस्थित रहे। मंत्री ने प्रशासन और अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही गोपाल राय ने कृषि विभाग के अधिकारियों को गुरुग्राम के पास के इलाकों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को पड़ोसी राज्य हरियाण के गुरुग्राम में टिड्डी दल के हमले के मद्देनजर शनिवार को एक आपात बैठक बुलाई थी।मंत्री ने राजधानी के दक्षिण और पश्चिमी जिला प्रशासनों से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा है। बैठक में शामिल हुए अधिकारियों के अनुसार, गोपाल राय को बताया गया कि टिड्डियों का एक छोटा दल दक्षिण दिल्ली के असोला भट्टी इलाके में भी पहुंच गया है।
कृषि विभाग से दिल्ली में टिड्डी दल के हमले की आशंका को देखते हुए सभी जिला मजिस्ट्रेट और उप मंडलीय मजिस्ट्रेट को एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही मंत्री ने टिड्डी दल को भगाने के लिए वन विभाग को डीजे बजाने, ढोल और ड्रम बजाने और केमिकल छिड़काव करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को गुरुग्राम के पास के इलाकों का दौरा करने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि विकास सचिव, मंडल आयुक्त, निदेशक, कृषि विभाग और दक्षिण तथा पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट बैठक में शामिल हुए। इससे पहले दिन में टिड्डी दल हरियाण के गुरुग्राम पहुंचा और अनेक स्थानों पर आसमान में टिड्डियों का जाल सा छा गया। अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल इनके राजधानी का रुख करने के आसार नहीं हैं। करीब दो किलोमीटर में फैले टिड्डी दल उपनगरीय शहर को पार करते हुए दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर पहुंचे लेकिन दिल्ली का रुख नहीं किया। टिड्डी चेतावनी संगठन, कृषि मंत्रालय से जुड़े के.एल. गुर्जर ने ने कहा कि टिड्डी दल पश्मिच से पूर्व की ओर आए हैं। इन्होंने सुबह करीब 11.30 बजे गुरुग्राम में प्रवेश किया। उन्होंने बताया कि टिड्डी दल बाद में हरियाणा के पलवल की ओर बढ़ गए। गुरुग्राम के अनेक निवासियों ने ऊंची इमारतों से टिड्डियों के पेड़-पौधों पर और मकानों की छतों पर छा जाने के वीडियो शेयर किए। टिड्डी दल बेवर्ले पार्क, गार्डन एस्टेट और हैरिटेज सिटी के अलावा दिल्ली से लगती सीमा पर सिकंदरपुर की इमारतों के ऊपर भी देखे गए। गौरतलब है कि मई में देश में टिड्डी दलों ने पहले राजस्थान में हमला किया। इसके बाद इन्होंने पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में फसलों को नुकसान पहुंचाया। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में मुख्य रूप से टिड्डियों की चार प्रजातियां पाई जाती हैं - रेगिस्तानी टिड्डी, प्रवासी टिड्डी, बॉम्बे टिड्डी और वृक्ष टिड्डी। इनमें से रेगिस्तानी टिड्डे को सबसे विनाशकारी माना जाता है। यह तेजी से अपनी संख्या बढ़ता है और एक दिन में 150 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है। यह कीट अपने शरीर के वजन से अधिक खा सकता है। एक वर्ग किलोमीटर के टिड्डियों के झुंड में लगभग चार करोड़ टिड्डियां हो सकती हैं और ये 35 हजार लोगों के बराबर का अन्न खा सकती हैं।
रीजनल नार्थ
टिड्डियों के हमले से बचने को दिल्ली सरकार ने जारी की एडवाइजरी