नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना मरीजों को प्लाज्मा के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए आईएलबीएस अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाने का फैसला लिया है। यह देश का पहला प्लाज्मा बैंक होगा, जो अगले दो दिनों में शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आईएलबीएस अस्पताल कोरोना अस्पताल नहीं है। कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को दोबारा संक्रमण होने की यहां संभावना नहीं है। प्लाज्मा दान करने वालों के आने -जाने की व्यवस्था सरकार करेगी। उन्होंने प्लाज्मा दान करने के लिए लोगों को प्रेरित करने में मीडिया से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील की। साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार भी लोगों को फोन करके इसके लिए तैयार करेगी।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी कोई संजीवनी बूटी नहीं है, लेकिन जिनकी हालत ज्यादा खराब नहीं है, उनके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। अभी तक सरकारी अस्पतालों में 35 लोगों को प्लाज्मा दिया गया, जिनमे से 34 ठीक हो गए और प्राइवेट अस्पताल में 49 लोगों को दिया है, जिसमे 46 लोग ठीक हो गए हैं।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले तक दिल्ली में बेड की बहुत समस्या थी। लोग अस्पताल में बेड के लिए दर -दर की ठोकरें खाते थे। अगर परिवार में कोई बीमार हो जाए, तो वे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल, दूसरे स्थान से तीसरे अस्पताल भागते थे। वे जिस अस्पताल में जाते थे, उन्हें सुनने को मिलता था कि बेड भरे हुए हैं। बेड खाली नहीं है। मेरे पास भी बहुत फोन आते थे। रात-रात भर जाग कर मैं लोगों के लिए अलग-अलग अस्पतालों में बेड का इंतजाम करता था। पिछले 1 महीने में हम लोगों ने कई कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से आज दिल्ली में बेड की कमी नहीं है। अस्पतालों में अभी कुल 13,500 कोरोना के बेड हैं। उनमें से करीब 6000 बेड भरे हुए हैं और 7500 बेड अभी भी खाली हैं।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मैं देख रहा हूं कि प्लाज्मा को लेकर काफी अफरा-तफरी मची हुई है। मेरे पास बहुत लोगों के फोन आ रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि हमारे मरीज को प्लाज्मा दिलवा दीजिए। लोग प्लाज्मा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली देश का पहला राज्य है, जहां पहली बार प्लाज्मा का परीक्षण किया गया। हमने दो-ढाई महीना पहले बताया था कि हम लोग प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल कर रहे हैं। हमने 29 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का परीक्षण शुरू किया, उसके नतीजे काफी उत्साह वर्धक थे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कोरोना में मरीजों के साथ दो चीजें होती है। एक तो उसका ऑक्सीजन स्तर नीचे चला जाता है। एक सामान्य व्यक्ति में ऑक्सीजन का स्तर 95 होना चाहिए और यदि यह 90, 85 या 80 पर पहुंच जाता है, तो खतरनाक हो जाता है और दूसरा उसका रेस्पिरेशन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। मरीज की सांस फूलने लगती है। एक समान्य व्यक्ति में रेस्पिरेशन का स्तर 15 होना चाहिए। यह 20, 25 या 30 तक पहुंच जाता है। यह देखने में आया है कि यदि मरीज को प्लाज्मा दे दिया जाए, तो उसके ऑक्सीजन स्तर में काफी अच्छी वृद्धि होती है और उसके रेस्पिरेशन का स्तर भी कम हो जाता है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि 29 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के किए गए परीक्षण की रिपोर्ट हमने केंद्र सरकार को सौंपी और उसके आधार पर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों के साथ ही कई प्राइवेट अस्पतालों को भी प्लाज्मा थेरेपी करने की इजाजत दी। अब हमें प्लाजमा थेरेपी की अनुमति तो मिल गई है, लेकिन प्लाज्मा कहां से आएगा? प्लाज्मा वही लोग दे सकते हैं, जिनको कोरोना हुआ था और वह ठीक हो गए। उनके खून के अंदर एंटीबाॅडीज बनती हैं, जो उन्हें कोरोना से बचाती हैं। यदि उनके खून से प्लाज्मा निकालकर कोरोना के मरीज को दे दिया जाए, तो वह ठीक हो जाता है। उसके शरीर में भी एंटीबॉडीज बननी चालू हो जाती है। इस समय लोग प्लाज्मा लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इसलिए दिल्ली सरकार ने तय किया है कि हम दिल्ली में प्लाज्मा बैंक बनाएंगे।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए यह अपनी तरह का पहला प्लाज्मा बैंक होगा। देश भर में यह शायद पहला प्लाज्मा बैंक होगा। हम यह नहीं कह रहे हैं कि केवल सरकार प्लाज्मा ले पाएगी और अगर कोई प्लाज्मा डोनेट करना चाहता है तो कोई और नहीं ले पाएगा। अगर कोई परिवार है, उनको प्लाज्मा चाहिए और उनका कोई रिश्तेदार है, जो कोरोना से ठीक हो चुका है। यदि वह प्लाज्मा देना चाहता है, तो परिवार उनसे ले सकते हैं। हमें कोई परेशानी नहीं है। हमारा मकसद यह है कि अभी जो प्रयास चल रहे हैं, उसको और मजबूत किया जाए। हमारा मकसद उसको कमजोर करना नहीं है। लिहाजा, दिल्ली सरकार प्लाज्मा बैंक बनाएगी। इसकी जो भी औपचारिकता है, उसको पूरी कर ली गई है। इस प्लाज्मा बैंक से सभी को प्लाज्मा मिलेगा चाहे वह सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट अस्पताल हो। हमारे आईएलबीएस अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाया जाएगा। अगर किसी को प्लाज्मा चाहिए तो उस अस्पताल या डॉक्टर को लिखकर देना पड़ेगा कि उनको प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत है। कोई खुद से नहीं कह सकता है कि उसे प्लाज्मा चाहिए। इसमें डॉक्टर की रिकमेंडेशन जरूरी है। डॉक्टर या अस्पताल आईएलबीएस से संपर्क करेंगे और आईएलबीएस उन्हें प्लाज्मा दे देगा। यह प्लाज्मा बैंक अगले 2 दिन में शुरू हो जाएगा, तब तक हम इसकी सारी कार्यवाही पूरी कर लेंगे।
रीजनल नार्थ
दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में बनेगा देश का पहला प्लाज्मा बैंक: सीएम केजरीवाल