नई दिल्ली । कोरोना संकट के बीच दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले और संपत्ति की खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने इन कॉलोनियों में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त को आयकर से मुक्त कर दिया है। बीते दिनों मार्केट रेट से कम पर खरीदी गई संपत्तियों पर भी सरकार टैक्स नहीं लेगी। केंद्र सरकार ने पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया था, जिससे मकान मालिकों को संपत्ति के कानूनी अधिकार मिल गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने एक अधिसूचना के माध्यम से कहा कि यह छूट 1 अप्रैल, 2020 से लागू होगी और यह वित्तीय वर्ष 2020-21 और आने वाले वर्षों के लिए लागू होगी। सीबीडीटी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि किसी अचल संपत्ति, भूमि या भवन या दोनों पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा। दिल्ली में ऐसी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त नवीनतम पावर ऑफ अटॉर्नी, एग्रीमेंट टू सेल, विल, कब्जा पत्र और अन्य दस्तावेजों के आधार पर की जाती है।
वर्तमान में केवल उचित बाजार मूल्य और वास्तविक खरीद मूल्य के अंतर पर टैक्स लगाया जाता है। इन कॉलोनियों में संपत्तियां पहले अनधिकृत थीं, इसलिए कुछ लोगों ने संपत्तियों के पंजीकरण के लिए सरकार द्वारा निर्धारित सर्कल रेट से कम पर मकान या भूमि खरीदी हो सकती है। अब, सरकार ने ऐसे मालिकों को आयकर के भुगतान से छूट देने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया था। अब तक 750 लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिल चुका है। इन अनधिकृत कॉलोनियों में तकरीबन 40 लाख लोग रहते हैं। अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 2.64 लाख लोग डीडीए पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं। 73 हजार संपत्तियों की मैपिंग और जियो सर्वे भी हो चुका है।
रीजनल नार्थ
कच्ची कॉलोनियों में संपत्ति की खरीद आयकर मुक्त