हमारे भारत वर्ष में कई प्रकार के फल पाये जाते हैं जैसे केला, पपीता, तरबूत, अंगूर, सेव, लीची, खरबूजा आदि लेकिन आम को ही भारतवर्ष में फलों का राजा कहा जाता है तथा उसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय फल भी घोषित किया गया है । आम की खेती भारतवर्ष में हजारों वर्ष से हो रही है आजादी के बाद भारत सरकार द्वारा अन्य फलों की तरह आम की खोती पर भी राष्ट्रीय आम अनुसंधान केन्द्र कई जगह बनाये उसके परिणाम भी अच्छा मिला है कि आज भारतवर्ष में 500 से अधिक प्रजातियों के आम पैदा होते हैं । भारतवर्ष के कई राज्य आम की खेती के मामले में आगे हैं । आमों की पैदाबार में उ0प्र0 नं. 1 पर है जहां पर 24 से 25 प्रतिशत आम पैदा होता है। आन्धप्रदेश में 20 प्रतिशत तक आम पैदा होता है । कर्नाटक में 10 प्रतिशत, तेलंगाना में 8 प्रतिशत, बिहार में 9 प्रतिशत, छत्तीसगढ में 7 प्रतिशत आम पैदा होता है । विश्व के कुल आम उत्पादन 56 प्रतिशत भारतवर्ष में होता है । 24 लाख हैक्टर भारतीय क्षेत्र में आम की फसल होती है । 30 से 40 प्रतिशत दसहरी आम पैदा होता है । कई बार बेमौसम वारिश और ओला वृष्टि से आम उत्पादन पर गिरावट आ जाती है ।
भारतवर्ष में कई प्रजातियों के आम पाये जाते हैं जो निम्न है - अल्फांसो, लंगड़ा, नीलम, मल्लिका, चैंसा, अमृपाली, स्वर्णरेखा, दशहरी, गुलावखास आदि भारतवर्ष में आम के पेड़ को पूज्यनीय माना जाता है उसके पेड़ की व पत्तों की पूजा की जाती है । कहा जाता है कि कागभुषुण्डीजी पहाड़ों पर रहते थे, वे जब भी मानसिक पूजा करते थे, तो आम के वृक्ष के नरीचे खड़े होकर ही किया करते थे । इस तरह की पूजा में कोई सामग्री की जरूरत नहीं होती । तभी से कहा जाता है कि मानस पूजा जब भी की जाए, आम के पेड़ के नीचे ही की जाए कि मानस पूजा जब भी की जाए, आम के पेड़ के नीचे ही की जाए। यही कारण है कि पांच वृक्ष पीपल, बरगत, पाकर, गूलर, और आम, मांगलिक कामों में सभी पेड़ों की पत्तियों को रखा जाता है लेकिन इनमें आम के वृक्ष की पंत्तियों को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। अमेरिका में आम के पेड़ ही नहीं होते । यानी जिन देशों में आम के वृक्ष नहीं पाए जाते, वहां मांगलिक कामों मे ंपान के पत्ते का उपयोगि किया जाता है। आम की मंजरी से ही कामदेव की पूजा की जाती है । आजकल बाजार में विक रहा मीठा रसीला आम आपकी सैहत को बिगाड़ सकता है । बाजार में आने से पहले आम पेड़ों पर नहीं बल्कि गोदाम में कैल्सियम कार्वाईट से पकाये जाते है जो सैहत को काफी नुक्सान पहुंचाते हैं । भारतवर्ष में खाद्य सुरक्षा कानूनों के तहत कार्वाईड से आमों को पकाना प्रतिबंध है फिर भी मुनाफे के लालच में व्यापारी लोग आम को कैल्सियम कार्वाइड से पकाते हैं । कार्वाइड से आम पकाने की प्रक्रिया के दौरान एसिटिलीन नामक गैस बनती है जो शरीर के लिए जहर का काम करती है । गद्दार देश चीन से चोरी छिपे कई देषों में प्रतिबन्ध एथलीन राइपनर पावडर से आजकल आमों को पकाया जाता है । एथलीन राइपनर पावडर से आम में मौजूद विटामिन ‘‘ए‘‘ के गुण भी खत्म हो जाते हैं । इस पावडर से पके आम खाने वालों के शरीर में कई गंभीर बीमारियाॅं जैसे कैंसर व किडनी से सम्बन्धित बीमारियाॅं होने की संभावना रहती है ।
भारतवर्ष के द्वारा आमों का निर्यात साउदीअरब, यूरोपीय देश में काफी होता है पिछले वर्ष यूरोपीय संघ द्वारा अल्फंासो आम के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था इससे भारतवर्ष के आम निर्माताओं को काफी नुक्सान उठाना पड़ा था । इस वर्ष उद्योग संगठनों की पहल पर यूरोपीय संघ ने आमों पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है । भारत के रसीले आम एक बार फिर यूरोपीय संघ के देशों के 28 देशों के खाने के मेज पर होंगे । भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक और निर्यातक है। इतने साल भारत ने 385 करोड़ रूपये से अधिक 48468 टन आमों का निर्यात किया। इस साल 12000 टन का निर्यात भी कोरोना बीमारी की वजह से मुश्किल लग रहा है। विदेशों में भारतीय अल्फंसो आम की काफी डिमाण्ड है वहां पर ये आम 500 से 600 प्रति किलो के हिसाब से विकता है । सरकारी आकलन के अनुसार देश में 19 लाख 21 हजार टन आम की फसल के होने का अनुमान है। पिछले साल इसका उत्पादन 18 लाख 60 हजार टन हुआ था । पिछले साल 45730 टन आम का निर्यात किया गया था । कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकारण (अपेडा) का मानना है कि विश्व बाजार में भारतीय आम की मांग में वृद्धि हुयी है और दक्षिण कोरिया जैसे देश के रूप में ना बाजार मिला है । कलीम उल्लाह खां पदमश्री विजेता की है लखनऊ उ0प्र0 के नई सड़क मलिया बाग में अब्दुला नर्सरी है । कलीम उल्लाह खां द्वारा अपने बाग में एक पेड़ में 300 तरह का अलग-अलग तरह का आम पैदा किया है इसको स्वयं लेखक द्वारा देखा गया है। भारतयर्ष के अलावा पाकिस्तान भी आमों का निर्यात करता है और पाकिस्तान द्वारा कई देशों में भी आम निर्यात किये जाते हैं । इस वर्ष उ0प्र0 में 44 लाख टन आम उत्पादन होने की संभावना है । भारतवर्ष इस वर्ष 185 लाख टन आम देश में आम उत्पादन होने की संभावना है जबकि पाकिस्तान में 60 हजार टन के आसपास आम पैदा होने की संभावना है । भारत सरकार द्वारा फलों की खेती तथा अनुसंधान पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है । हाईवे बनाने के नाम पर लाखों आम के पेड़ों को काट दिया गया है हजारों टन फल आम समय पर दूसरे देशों एवं राज्यों में न पहुंचने के कारण सड़ जाते हैं इसकी कीमत बागान मालिकों को चुकानी पड़ती है । आज भी कई बागान मालिक कर्जो में दबे पड़े हैं तथा उन्होंने आत्म हत्या भी करली है लेकिन भारत सरकार की खोखली नीतियों के कारण वह सब विवश हैं । एक आम का पेड़ 100 साल औसतन आयु होती है । 1250 क्विंटल आम और 60000 की लकड़ी एक आम के पेड़ से मिलती है । 25000 टन का इजाफा ग्रीन हाउस गैसों से होता है । हर साल होली में 100 किलो लकड़ी जल जाती है । एक वृक्ष जीवनभर आॅक्सीजन और छाया देता है और दो टन कार्वन सोखता है । आम ज्यादातर लोगों को पसन्द होता है । गर्मी में आने वाला यह ऐसा फल है जो लू और इस मौसम से जुड़ी दिक्कतों से राहत देने के साथ पोषक तत्वों की भी पूर्ति करता है । कच्चे आम में विटामिन ‘‘सी‘‘ की मात्रा इतनी रहती है, जितनी कि 35 सेब, 18 केले, 9 नींबू और 3 संतरे में पाई जाती है । आम में इतने पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनसे कई सारी बीमारियों में आराम मिल सकता है । कच्चे आम को नमक के साथ खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है, साथ ही यह उच्च तापमान के नकारात्मक प्रभावों से भी हमें बचाता है । आयुर्वेद में भी कच्चे आम की कई खूबियों के बारे में बताया गया है । यह खासकर पेट से जुड़ी दिक्कतें जैसे एसिडिटी, पित्त की समस्या दूर करने के साथ वजन भी नियंत्रित
करने में मदद करता है । आम डायबिटीज के पेशेंन्ट्ों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है और अन्य पोषक तत्व ज्यादा होता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है ।
गर्मी के दिनों में आप त्वचा को चमकदार व बेदाग बनाने की इच्छा रखते हो तो आम का सेवन खाने से पहले पानी में धोकर करें । आम में बिटामिन ए, बी, एवं सी प्राकृतिक फूड एसिड (नाइट्रिक ऐसिड) और बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो चैहरे में निखार लाता है इसके अलावा आम में शरीर को मजबूत रखने वाला कार्बोहाइड्रेट फाइबर, प्रोटीन, केैल्सियम और आयरन और पोटेशियम समेत अनेक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहते हैं ।
(लेखक-ईएमएस/- विष्णु अग्रवाल )
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फलों का राजा आम