YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

एंटरटेनमेंट बॉलीवुड

मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन बॉलीवुड को बड़ा झटका, शोक की लहर

मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन बॉलीवुड को बड़ा झटका, शोक की लहर

मुंबई । मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन हो गया। सांस लेने में शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां गुरुवार देर रात 1.52 बजे कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनका निधन हो गया। कुछ दिन पहले ही उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था जो निगेटिव आया था। सरोज खान 72 साल की थीं। उन्होंने माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी सहित बॉलीवुड के कई कलाकारों को डांस सिखाया। 20 जून को सांस लेने में तकलीफ के बाद सरोज खान को मुंबई के गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी तबीयत में सुधार हो रहा था। लेकिन गुरुवार रात उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उनका निधन हो गया। शुक्रवार को मलाड के मालवाणी कब्रिस्तान में उनका पार्थिक शरीर सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
सैकड़ों गानों को कोरियोग्राफ किया
सरोज खान ने करीब सैकड़ों गानों को कोरियोग्राफ किया था। कम ही लोगों को पता है कि सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था। सरोज के पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह था। विभाजन के बाद सरोज खान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। सरोज ने महज तीन साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म नजराना थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था।
13 साल की उम्र में की शादी
50 के दशक में सरोज खान ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म गीता मेरा नाम से सरोज खान एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर की तरह जुड़ीं हालांकि उनके काम को काफी समय बाद पहचान मिली। सरोज खान की मुख्य फिल्मों में मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार और बेटा हैं। सरोज खान ने पहले मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी। दोनों की उम्र में 30 साल का अंतर था। शादी के वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी। इस्लाम धर्म अपना कर उन्होंने 43 साल के बी. सोहनलाल से शादी की। सोहनलाल की ये दूसरी शादी थी। 
मर्जी से अपनाया इस्लाम धर्म
एक इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया था। उस वक्त मुझसे कई लोगों ने पूछा कि मुझ पर कोई दबाव तो नहीं है लेकिन ऐसा नहीं था। मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती है। सरोज खान से शादी के वक्त सोहनलाल ने अपनी पहली शादी की बात नहीं बताई थी। 1963 में सरोज खान के बेटे राजू खान का जन्म हुआ तब उन्हें सोहनलाल की शादीशुदा जिंदगी के बारे में पता चला। 1965 में सरोज ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया लेकिन 8 महीने बाद ही मौत हो गई। बच्चों के जन्म के बाद सोहनलाल ने उन्हें अपना नाम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दूरियां आ गईं। सरोज की एक बेटी कुकु भी हैं। सरोज ने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले ही की।
 

Related Posts