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इलाज के नाम पर मासूम को लगाया डांव, अस्पताल में भर्ती

 इलाज के नाम पर मासूम को लगाया डांव, अस्पताल में भर्ती

अंधविश्वास और अज्ञानता का डांव मासूम झेल रहे हैं। बीस दिन में तीसरा मासूम जिला अस्पताल में भर्ती हुआ है जिसे पेट दर्द या सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन गर्म तार या सरिये से दगवा लाए। गुरुवार को भी दो साल की एक मासूम को एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मासूम लक्ष्मी चित्तौडग़ढ़ के गंगरार क्षेत्र के गांव मोतीबुरण का खेड़ा की रहने वाली है।   
मोतीबुरण का खेड़ा की दो वर्षीय लक्ष्मी को पेट दर्द व सांस लेने में तकलीफ थी। उसके पिता किशन गुर्जर महाराष्ट्र में आइसक्रीम का व्यवसाय करते हैं। मां सीमा ने अपने ससुर कालू गुर्जर को लक्ष्मी की बीमारी के बारे में बताया। कालू लक्ष्मी को गांव में ही ऊंट चराने वाले के पास ले गया। उसने लक्ष्मी के पेट पर गर्म तार से डांव लगा दिया। इससे मासूम की तबीयत और बिगड़ गई।  लक्ष्मी के नाना देवदा निवासी भैरू गुर्जर व नानी मांगी का कहना है कि लक्ष्मी का गंगरार अस्पताल में उपचार कराया लेकिन सेहत में सुधार नहीं होने पर बुधवार को सीमा के ससुर कालू उसे गांव में ही ऊंट चराने वाले के पास ले गए। चरवाहे ने उसे गर्म तार से डांव लगा दिया। गुरुवार को नाना भैरू व नानी मांगी देवदा से मोतीबुरण का खेड़ा पहुंचे। लक्ष्मी को पहले एक निजी अस्पताल ले गए। वहां से एमजी अस्पताल लाया गया। उल्लेखनीय है कि जिले में २२ मार्च से ११ अप्रैल के बीच अब तक डांव लगाने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है।  महात्मा गांधी अस्पताल के डॉक्टर राधेश्याम का कहना है कि बालिका को पहले ही पेट दर्द, खांसी-जुकाम था। डांव लगाने से उसकी हालत और बिगड़ गई। फिलहाल ठीक है।   गांवों में ढाई साल के दौरान डांव लगाने की २५  घटनाओं पर पुलिस ने मामले दर्ज किए। किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों को डांव लगाने वालों पर तीन साल कैद व एक लाख जुर्माने का प्रावधान है। बच्चे की मौत पर सजा व जुर्माना दुगुना हो जाता है। 

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