मुंबई, । महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के गठबंधन 'महा विकास आघाडी' की सरकार है. लेकिन राज्य में सत्तारुढ़ सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है. शनिवार को पहला मामला अहमदनगर के पारनेर नगर पंचायत से सामने आया जब वहां पांच नगरसेवकों तथा इनके अलावा शिवसेना के कुछ पदाधिकारियों ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की उपस्थिति में एनसीपी में शामिल हो गए. इसके बाद रविवार को पुलिस अधिकारियों के तबादले को लेकर मामला सामने आया जब मुंबई के पुलिस आयुक्त कार्यालय ने रविवार को १० पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) के ट्रांसफर ऑर्डर को पलटने का आदेश जारी कर दिया. राज्य में 2 जुलाई को जारी किए गए ट्रांसफर ऑर्डर में डीसीपी को जोन और क्राइम ब्रांच तथा उनमें से कुछ को नॉन एग्जिक्यूटिव ब्रांचों से एग्जिक्यूटिव ब्रांचों में ट्रांसफर कर दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग की ओर से ट्रांसफर ऑर्डर को मंजूरी दी गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएम ऑफिस) को भरोसे में नहीं लिया गया. इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने यहां तक कहा कि ट्रांसफर के बारे में सीएम ऑफिस को कोई जानकारी नहीं थी और इसे गृह विभाग ने मंजूरी दी थी. महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय एनसीपी के पास है और गृह मंत्री अनिल देखमुख हैं. रविवार दोपहर संयुक्त पुलिस आयुक्त, प्रशासन और पुलिस आयुक्त के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित आदेश ने राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, 2 जुलाई को जारी किए गए ट्रांसफर ऑर्डर को रद्द कर दिया. जबकि डीसीपी अभिनाश कुमार और डीसीपी नियाती ठक्कर दवे, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए थे और उन्हें जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया, जबकि उनका प्रभार डीसीपी एन.अंबिका और डीसीपी प्रणय अशोक को सौंप दिया गया. बहरहाल २४ घंटे के भीतर घटे इस दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम से लग रहा है कि सत्तारुढ़ सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी के बीच सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है.
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मुंबई में रद्द हुआ पुलिस उपायुक्तों ट्रांसफर ऑर्डर, शिवसेना-एनसीपी के बीच बढ़ा तनाव - शिवसेना के ५ नगरसेवकों के एनसीपी में शामिल होने और सीएम ऑफिस को भरोसे में नहीं लेने से बढ़ा