नई दिल्ली । दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा की शुरुआत हो गई है। अब इस अस्पताल में उपचार करा रहे कोरोना संक्रमित अपने परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर सकेंगे। साथ ही वे अपने बेड से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नर्सों से भी आवश्यकता पड़ने पर बात कर सकेंगे।
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 1000 कोरोना संक्रमितों के ठीक होकर डिस्चार्ज होने की उपलब्धि के बाद यह सेवा शुरू की गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा की शुरुआत की। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ की हौसला अफजाई की और कहा कि कोरोना से सबको डर लगता है, लेकिन मेडिकल स्टाफ ने बहादुरी दिखाई है। मरीजों की सेवा की है। इसके कारण इस अस्पताल से अब तक ठीक होकर 1000 संक्रमित घर जा चुके हैं। अरविंद केजरीवाल ने आने वाले दिनों में आईसीयू बेड्स की जरूरत का जिक्र करते हुए कहा कि फिलहाल माइल्ड लक्षण वालों का घर पर ही इलाज हो रहा है। घर पर ऑक्सीमीटर भी भेजे जा रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में आईसीयू बेड्स की जरूरत पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि अगर स्पाइक आता है, तो आईसीयू बेड्स की जरूरत पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दिल्ली में उपलब्ध 1900 में से 750 आईसीयू बेड्स खाली हैं। उन्होंने खतरे से भी आगाह किया और कहा कि अगर आईसीयू बेड्स की कमी हुई तो लोगों की मौत भी हो सकती है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अस्पतालों में आईसीयू के बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं। राजीव गांधी अस्पताल में आईसीयू के 45 बेड्स थे, जिन्हें बढ़ाकर 200 तक कर दिया गया है। यहां आईसीयू में 500 बेड्स का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में भी आईसीयू के 60 बेड्स थे, जिन्हें 180 बेड्स तक बढ़ा दिया गया है। आने वाले दिनों में आईसीयू बेड्स की संख्या और बढ़ाएंगे।
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परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर सकेंगे कोरोना संक्रमित