अदालत ने 3600 करोड़ के वीवीआईपी चौपर डील मामले में पूरक आरोप पत्र लीक मुद्दे पर अहलमद से रिपोर्ट मांगी है। प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर मिशेल के आवेदन को सुनवाई योग्य नहीं बताते हुए खारिज करने की मांग की है। मिशेल ने आवेदन दायर कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर आरोप पत्र मीडिया में लीक करवाने का आरोप लगाया था। राउज एवेन्यू अदालत के विशेष सीबीआई जज अरविंद कुमार के समक्ष ईडी के वकील ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोप पत्र पर कोर्ट काफी पहले संज्ञान ले चुकी है और यह पूरक आरोप पत्र भी उसी का हिस्सा है। इसलिए इस पूरक आरोप पत्र पर दोबारा संज्ञान लेने की जरूरत नहीं है। इसके मद्देनजर यह आरोप पत्र एक सार्वजनिक दस्तावेज है लेकिन यह दस्तावेज हर किसी को नहीं दिया जा सकता। इसलिए मिशेल का यह कहना गलत है कि पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लिया गया है। अदालत के समक्ष मिशेल के वकील विष्णु शंकर ने कहा कि वह ईडी के जवाब पर दलीलें पेश करना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा इस मामले में अहलमद से रिपोर्ट मांगी गई है कि एजेंसी ने पूरक आरोप पत्र की कितनी कॉपी जमा की थी। मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की है। ईडी ने मिशेल के आवेद पर बृहस्पतिवार को अपने जवाब के साथ एक पैन ड्राइव व कॉल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) पेश की। कोर्ट में आवेदन पेश कर मिशेल ने कहा था कि उसने पूछताछ के दौरान किसी नेता का नाम नहीं लिया था। उसने केंद्र सरकार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया है। ईडी ने रिपोर्ट खुद मीडिया में लीक करवाकर इस मामले को उछाला है। ईडी ने 4 अप्रैल को इस मामले में मिशेल के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल कर दावा किया था कि मिशेल ने पूछताछ में घूस की राशि सैन्य अधिकारियों, नौकरशाहों, पत्रकारों व यूपीए के नेताओं को दी गई थी।