
नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना मौत के आंकड़ों को और कम करने के लिए केंद्र होम आइसोलेशन के नियमों में फिर बदलाव करने तैयारी है। यह कोरोना संक्रमित के शरीर में आक्सीजन की मात्रा के उतार-चढ़ाव और उसका बु्खार का तापमान तय करेगा। अगर उसका आक्सीजन स्तर एक बार न्यूनतम मात्रा से नीचे जाता है तो उसे कोविड केयर भेजा जाएगा। इसे लेकर आगामी सोमवार को दिल्ली सरकार के साथ बैठक के बाद इसपर आखिरी फैसला होगा। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में कोरोना से हो रही मौत का एक बड़ा कारण शरीर में आक्सीजन की कमी है। मरने वालों में होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग भी शामिल है। अचानक से उनके आक्सीजन नीचे गिरता है। वह जब तक अस्पताल पहुंचते है उनकी हालत गंभीर हो जाती है। जिसके चलते केंद्र ने विशेषज्ञों के बैठक के बाद यह बदलाव प्रस्तावित किया है। केंद्र की ओर से सोमवार को इसपर दिल्ली सरकार के साथ बैठक होगी। दिल्ली में होम आइसोलेशन गाइडलाइन में अभी न्यूनतम आक्सीजन स्तर कितना होना चाहिए वह तय नहीं किया गया है। यानि यह तय नहीं है कि किस स्तर पर आक्सीजन लेवल पहुंचने पर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज को अस्पताल जाने की जरूरत है। डॉक्टर कहते है कि शरीर में कम से कम 95-100 फीसदी आक्सीजन होना चाहिए। अगर इससे यह कम आता है तो उसे आक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। मगर सूत्रों की माने तो केंद्र की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब अगर आक्सीजन का स्तर 95 फीसदी से नीचे जाता है तो उसका तापमान लगातार 100 से ऊपर है तो उसे कोविड केयर सेंटर जाना होगा। हालांकि वहीं सरकार के डेथ ऑडिट रिपोर्ट की माने तो दिल्ली में होम आइसोलेशन में बीते 15 दिनों में केवल सात मौत हुई है। एक जुलाई के बाद से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि वह मानते है कि आक्सीजन लेवल अचानक गिरने से दिक्कत आती है। इसलिए होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को आक्सीमीटर दिया जा रहा है। जिससे वह हर घंटे अपने शरीर का आक्सीजन स्तर माप सके। उसके बाद उन्हें घर पर ही आक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध कराया जाता है।