नई दिल्ली । राजस्थान में सियासी संकट के बीच कांग्रेस के दिल्ली पहुंचे विधायकों ने यह दावा किया है कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं। विधायक रोहित बोहरा कल दिल्ली पहुंचे थे उन्हें सचिन पायलट कैंप का हिस्सा माना जा रहा था। रोहित बोहरा ने जोर देकर कहा कि उनकी दिल्ली की यात्रा 'व्यक्तिगत' थी और यहीं पर उनकी मुलाकात अन्य दो विधायकों के साथ हुई, जो अपने-अपने काम से वहां थे। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और हमेशा पार्टी के साथ खड़े हैं।
इस बीच खबर है कि सचिन पायलट को भाजपा की ओर से कहा गया है कि पहले वह राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार गिराएं। पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद देने से इनकार किया है। क्योंकि राज्य में वसुंधरा राजे के समर्थन में भाजपा के 45 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस आलाकमान ने भी सचिन पायलट से बात की है और सभी मुद्दों को समझाया है।
कांग्रेस अशोक गहलोत से नाराज है क्योंकि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में सचिन पायलट को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है। वहीं सचिन पायलट ने भी संकेत दिए हैं कि वह बीजेपी में नहीं जाएंगे लेकिन अपनी नई पार्टी जरूर बना सकते हैं। सचिन पायलट पूछताछ का नोटिस जारी होने से नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले वह ज्योतिरादित्य सिंधिया से काफी चर्चा कर रहे थे। भाजपा ने भी राज्यसभा चुनाव के समय राज्य में खेल करने करने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रही थी। लेकिन सचिन पायलट अब पूरी तरह से बड़ा फैसला लेने को तैयार हैं।
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राजस्थान के विधायकों ने बगावत से किया इनकार