गुरुग्राम । राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थन में कांग्रेस के कम से कम 19 विधायक बताए जा रहे हैं, जिनके शनिवार को दिल्ली पहुंचने के बाद पालयट के पार्टी छोड़ने की अटकलें लग रही हैं। सचिन पायलट ने उस वक्त जयपुर छोड़ दिया जब राज्य पुलिस के आतंक निरोधी दस्ते स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप एसओजी ने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए उनके घर पर नोटिस लगाया। यह पूछताछ अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश के सिलसिले एटीएस की तरफ दर्ज केस को लेकर की जाएगी। एफआईआर और कथित तौर पर टैप किए गए फोन पर बातचीत से इस सीक्रेट का खुलासा होता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी एक साथ नहीं है। ऐसे में इस वक्त सवाल ये उठ रहा है कि क्या सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहेंगे सचिन पायलट के एक करीबी नेता ने कहा- यह अलग स्तर पर एक अपमान है। शनिवार को उन्हें यह कॉल आई कि नोटिस भेजा गया। इस तरह के उप-मुख्यमंत्री के साथ कैसा सलूक किया जा रहा है हालांकि, राजस्थान सरकार के अधिकारी यह कह रहे हैं कि नोटिस मुख्यमंत्री को भी भेजा गया है। सचिन पायलट के करीबी नेता ने इस समन को महज एक जोक करार दिया। बीजेपी नेता ने कहा खुद मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग का प्रभार है। ऐसे में कौन उनसे पूछताछ करेगा? यह बहुत बड़ी साजिश है क्योंकि एफआईआर से उप-मुख्यमंत्री को सर्विलांस पर रखने की एक वजह मिल जाएगी। जैसे ही धीरे-धीरे ये चीजें अनियंत्रित होकर जनता के बीच आई रिजॉर्ट ड्रामा शुरू हो गया है। पायलट के समर्थ गुरुग्राम के आईटीसी ग्रांड भारत समेत कई रिजॉर्ट्स में ठहरे हुए हैं। आईटीसी भारत वही जगह हैं जहां पर पीछे बागी विधायक आकर ठहरे थे। कुमारस्वामी सरकार के संकट के वक्त भी कर्नाटक के विधायक को यहां पर ठहराया गया था।
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गुरुग्राम के रिजॉर्ट पहुंचे सचिन पायलट के समर्थक