जयपुर । कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकार वार्ता में सचिन पायलट सहित सभी विधायकों को बैठक में शामिल होकर अपनी बात कहने के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक में जिन बातों पर मतभेद है। उनको हाईकमान द्वारा सुलझाया जाएगा। सुरजेवाला ने कहा पिछले 48 घंटों में कांग्रेस हाईकमान के साथ सचिन पायलट की कई बार बात हुई है। उन्होंने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा बीजेपी षड्यंत्र और प्रपंच कितने भी रचे। राजस्थान की सरकार पूरी तरह से स्थिर है। संपूर्ण बहुमत के साथ 5 साल तक राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चलेगी। उन्होंने भाजपा के ऊपर आरोप लगाया ईडी और इनकम टैक्स भाजपा के अग्रिम विभाग बनकर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा आयकर और ईडी ने जो छापे डाले हैं। वह भाजपा के इशारे पर डाले गए हैं। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि जब घर में बहुत सारे बर्तन होते हैं, तो आपस में कभी-कभी खड़कते भी हैं। उन्होंने राजस्थान सरकार के स्थिर होने की बात कही।
100 के करीब विधायक पहुंचे, बाकी रास्ते में
कांग्रेश विधायक दल की बैठक में लगभग 100 विधायकों के पहुंचने का दावा कांग्रेस द्वारा किया गया है। शेष विधायक रास्ते में है। जो डेढ़ से 2 घंटे में विधायक दल की बैठक में पहुंच जाएंगे।कांग्रेस सूत्रों ने कहा प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे से जो विधायक रास्ते में है। उनका संपर्क बना हुआ है उसके बाद प्रभारी महासचिव ने बैठक का समय बढ़ा दिया है।
दिल्ली से प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिन पायलट किसी भी स्थिति में बैठक में शामिल होने नहीं आ रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि आज उनकी बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ है। कांग्रेश पार्टी से जो गलतियां कर्नाटक और मध्य प्रदेश में हुई हैं। उससे सबक लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को खरीदने की जो कोशिश की जा रही थी। उसको लेकर वह पहले से ही सजग थे। जिसके कारण अब ऐसा लग रहा है कि सचिन पायलट ने जो 30 विधायकों के अपने साथ होने का दावा किया था, वह गलत साबित होने जा रहा है। अशोक गहलोत ने सभी कांग्रेस विधायकों और समर्थन दे रहे निर्दलीय एवं बसपा के विधायकों पर अपनी पुख्ता घेराबंदी कर ली थी। जिसके कारण सचिन पायलट की यह बगावत सफल शायद नहीं हो पाएगी। फिर भी कांग्रेस जिस आक्रामक तरीके से सरकार बचाने में जुटी है। उससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस भी अब पूरी मुखरता के साथ बगावत को दबाने के लिए साम दाम दंड भेद का सहारा लेकर मैदान में हैं।