कोरोना महामारी क्या क्या रंग दिखाएगी,यह कहना तो अभी से मुश्किल है।रह रहकर हो रहे लॉक डाउन के बीच कांवड़ मेला पर लगाई गई रोक के साथ ही शिवभक्त श्रद्धालु जो कांवड़ लाना चाहते थे ,को उनके स्थान पर ही जलाभिषेक के लिए गंगा जल सुलभता के साथ मिल जाए ,इसके लिए बोतलबंद गंगा जल की व्यवस्था की गई है।उत्तराखंड व उसके पड़ौसी राज्यो की सहमति से जलाभिषेक के लिए गंगा जल उपलब्ध कराने का यह नया फार्मूला तलाश कर लागू किया गया है।
चंडीगढ़. उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के चलते सामूहिक रूप से कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने के बाद हरियाणा सरकार ने भी भक्तों के लिए हरिद्वार से गंगाजल लाकर श्रद्धालुओं को बेचने की व्यवस्था की है। कोरोना के चलते उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह से रोक लग जाने के कारण शिव जलाभिषेक के लिए गंगा जल की बिक्री सरकार के स्तर पर शुरू भी हो गई है। श्रद्धालुओं के लिए डाक विभाग के माध्यम से देशभर में गंगा जल उपलब्ध करवाया जा रहा है।। डाकघरो में इसके लिए गंगा जल कांउटर भी स्थापित किये गये है। डाकघर के विशेष कांउटर पर केवल गंगा जल ही विशेष दरों मिल रहा है।
अभी तक सावन मास में हिन्दूओं की पवित्र कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाता रहा है। यह कांवड़ यात्रा लाखों हिन्दूओं की आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। इसी के चलते सरकार द्वारा डाक विभाग के माध्यम से आमजन के लिए गंगाजल उपलब्ध करवाने का निर्णय लेना पड़ा है। शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने के लिए कोई भी व्यक्ति डाक घर के विशेष कांउटर से यह गंगा जल खरीद सकता है।
इस गंगा जल की खरीद के लिए आपको हरिद्वार की बजाए अब डाकघर जाना होगा।डाकघर से 20 रुपए में 250 एमएल गंगाजल की बोतल खरीदी जा सकती है। अगर इसकी मांग ज्यादा हुई तो एक कांउटर और अलग से बना दिया जाएगा। यह सुविधा कावड़ यात्रा रद्द होने के कारण ही दी गई है। पोस्ट मास्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि पवित्र गंगा जल हरिद्वार से बन्द बोतल में मंगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि तक यह सुविधा दी जाएगी।कानून व्यवस्था बनी रहे इसके लिए रेवाड़ी जिले समेत जहां जहां भी श्रद्धालुओं से शांति भंग की आशंका हो सकती है ,वही वही कावड़ यात्रा की रोक के मद्देनजर धारा-144 लगा दी गई है। धीरे-धीरे प्रदेशभर व अन्य राज्यो में भी ऐसा फैसला लिया जा सकता है। इस साल सावनमास के दौरान महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर पंचकूला, फरीदाबाद और गुड़गांव के पुलिस अधिकारियों को कांवडियों को ‘कांवड़ यात्रा’ पर जाने की अनुमति नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्णय उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सरकारों द्वारा कांवडियों के रहने एवं ठहरने की व्यवस्था करने में असमर्थता जताने पर लिया गया है।उत्तराखंड सरकार ने तो कांवड़िए किसी भी हालत में उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश न करने पाए इसके लिए अपने बॉर्डर सील कर दिए है और यदि कोई किसी तरह से हरिद्वार पहुंच भी गया तो पकड़े जाने पर उसे 14 दिन के लिए क्वाइंटिन किया जा रहा है।यानि इस बार शिव रात्रि पर हर की पैड़ी सुनी रहेगी और शिवालयों में भी पहले की अपेक्षा भीड़ कम ही रहने का अनुमान है।परंतु शिव रात्रि से पूर्व जलाभिषेक के लिए गंगा जल का बोतलबंद के रूप में सरकारी स्तर और बिकना अटपटा जरूर लग रहा है।कहा जा सकता है कि यह ऑन लाइन पूजा का ही दूसरा रूप है।यह रूप श्रद्धालुओं को कितना भाता है, यह तो बोतलबंद गंगा जल की बिक्री और शिव रात्रि पर उस जल से जलाभिषेक होने पर ही पता चल पाएगा।फ़िलहाल तो जोर से बोलिए बम बम भोले।
(लेखक - डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट)
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तो बोतलबंद गंगा जल से होगा जलाभिषेक!