नई दिल्ली । आर्थिक रूप से संपन्न होने के वजूद अपने बच्चे को कम आय वर्ग ईडब्ल्यूएस से नामी स्कूल में नर्सरी में दाखिला दिलाने पर एक परिवार पर कानूनी शिकंजा कस गया है। इस मामले का खुलासा अनोखे अंदाज में हुआ। दरअसल इस बच्चे को वर्ष 2019-20 के सत्र में नर्सरी में दाखिला दिलाया गया। बच्चे को रोजाना छोड़ने और लेने के लिए महंगी कार आती थी। इससे स्कूल प्रशासन को संदेह हुआ। जांच करने पर पता चला कि यह दाखिला फर्जीवाड़े से हुआ है। स्कूल प्रशासन ने इस मामले में चाणक्यपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
इस मामले में बच्चे के माता-पिता के अलावा उसके फर्जी माता-पिता बनकर स्कूल में उपस्थित होने वालों के अलावा एक दंपति को आरोपी बनाया गया है। बच्चे के दादा को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। फिलहाल इस मामले में बच्चे के दादा को छोड़कर सभी आरोपी फरार हैं। इन सभी आरोपियों की तरफ से पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंटिल की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा है कि यह गंभीर मामला है। इस मामले में सामने आ रहे केवल सात लोग आरोपी नहीं हैं, बल्कि इन आरोपियों के हिरासत में आने के बाद वो नाम भी सामने आएंगे, जिन्होंने बच्चे को ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत नर्सरी में दाखिला दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद की होगी। वे नामी निजी स्कूल के कर्मचारी भी हो सकते हैं या फिर सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालय के लोग भी हो सकते हैं। इस पूरी साजिश का खुलासा जरूरी है।
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महंगी कार से स्कूल आता था गरीब बच्चा पोल खुली तो माता-पिता फरार