नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के मामले में दिल्ली की हालात जून से बहुत बेहतर है। 15 जुलाई तक दिल्ली में 2.25 लाख केस आने का अनुमान था मगर 1.15 लाख केस ही आए। अस्पतालों में 34 हजार बेड की जरूरत का अनुमान था, लेकिन आज अस्पताल में 10 हजार के करीब बेड खाली हैं। यह कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। उन्होंने कहा कि यह सब सभी के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। कोरोना नियंत्रण में है लेकिन हमारी तैयारी और एहतियात दोनों जरूरी है।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर में लगातार कमी आ रही है। 14 जून को संक्रमण दर 31 फीसदी पहुंच गई, जो अब घटकर 9 फीसदी रह गई है। इसी तरह पहले स्वस्थ होने वालों का प्रतिशत 45 था जो अब बढ़कर 80 तक पहुंच गया है। आइए जानते है कि बीते एक माह में सरकार ने क्या कदम उठाएं, जिससे दिल्ली की हालत में तेजी से सुधार हुआ। दिल्ली में जून के पहले सप्ताह में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। उस वक्त रोजाना 5500 जांच होती थी जो अब बढ़कर 21 हजार से अधिक हो गई है। तब 100 में 31 लोग संक्रमित मिलते थे, मगर अब जांच बढ़ने और लोगों को आइसोलेट करने के बाद 100 में नौ लोग ही संक्रमित मिल रहे हैं। इससे संक्रमण की चेन को खत्म करने में मदद मिली। जून के पहले सप्ताह में आठ निजी अस्पताल में सिर्फ 700 कोरोना बेड थे। तब मरीजों को दो-तीन अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद भी बेड नहीं मिल रहा था। आज दिल्ली में साढ़े 15 हजार बेड हैं, जिसमें से 10 हजार से अधिक बेड खाली हैं। खाली बेड की जानकारी के लिए ऐप बनाया गया। 50 से अधिक बेड वाले निजी अस्पतालों में 40 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए। इसके अलावा होटल, बैक्वेंट हॉल को अस्थायी अस्पताल बनाया गया।
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