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दिल्ली में दोबारा कोरोना संक्रमित का पहला मामला

दिल्ली में दोबारा कोरोना संक्रमित का पहला मामला

नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमित होकर ठीक होने और उसके बाद फिर से कोरोना संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है। उत्तरी निगम के हिंदूराव अस्पताल में काम करने वाली नर्स की रिपोर्ट में डेढ़ महीने के अंदर दोबारा कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह मामला सामने आने के बाद अस्पताल में हर कोई हैरान है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि ठीक होने के बाद कोरोना की रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव इसलिए आई होगी क्योंकि नर्स के शरीर में मृत कोरोना वायरस मौजूद हो सकता है, लेकिन इससे उसे कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि यह वायरस सक्रिय नहीं होता। इससे पहले कोटा में भी एक शख्स के दोबारा कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। हिंदूराव अस्पताल में काम करने वाली नर्स कृष्णा ने बताया कि 27 मई को उन्हें कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे और इसके बाद उन्होंने 1 जून को आरटी-पीसीआर तरीके से कोरोना की जांच कराई। 4 जून को रिपोर्ट में उन्हें कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके बाद वह 21 दिनों तक आइसोलेशन में रहीं। कोरोना से ठीक होने के बाद जून के अंतिम सप्ताह में उन्होंने फिर से काम शुरू कर दिया। हिंदूराव की कोरोना योद्धा नर्स कृष्णा ने वापस काम करना शुरू किया तो 28 जून से उनकी ड्यूटी कोरोना वॉर्ड में लग गई। 14 दिन काम करने के बाद कोरोना वॉर्ड में काम करने वाले कर्मचारियों को पांच दिन तक क्वॉरन्टीन किया जाता है और फिर उनकी जांच की जाती है। कृष्णा की 16 जुलाई को फिर से आरटी-पीसीआर जांच कराई तो 18 जुलाई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। नर्स कृष्णा ने बताया कि उन्हें लक्षण नहीं हैं लेकिन आरटीपीसीआर जांच में दोबारा कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उनकी एंटीबॉडी जांच कराई गई। इस जांच में उनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी पर्याप्त मात्रा में मिले हैं। ऐसे में अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि कृष्णा के शरीर में मृत कोरोना वायरस हो सकता है, इसलिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह वायरस निष्क्रिय होगा और इसका कोई नुकसान नहीं होगा। एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम का कहना है कि अभी तक ऐसे शोध सामने नहीं आए हैं, जिनमें यह कहा गया हो कि एक व्यक्ति को ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना संक्रमण हो सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदूराव की नर्स के शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी मिले हैं, तो ऐसे में दोबारा संक्रमण का खतरा तब तक नहीं है जब तक उसके शरीर में एंटीबॉडी है। उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट इसलिए पॉजिटिव आ सकती है कि उसके शरीर में मृत कोरोना वायरस अब भी हो जो सैम्पल लेते समय ऊपर आ गया है। ऐसे वायरस की वजह से रिपोर्ट तो पॉजिटिव आ सकती है, लेकिन इससे दूसरे लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है।
 

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