नई दिल्ली । दिल्ली सेरोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, महानगर दिल्ली में करीब 23 फीसदी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। एक समाचार चैनल से बातचीत में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा, सर्वे का दिल्लीवासियों के लिए पहला सन्देश है कि 6 महीने बाद भी दिल्ली में कोरोना संक्रमण जारी है, लेकिन इतने बड़े शहर और घनी आबादी के बावजूद सिर्फ 23 फ़ीसदी लोग का संक्रमित होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पॉल ने कहा 'हमें यह याद रखना होगा कि शेष 77 फ़ीसदी लोग अभी तक ससेप्टिबल (संवेदनशील या आसानी से प्रभावित होने वाले) हैं। ऐसे में हम अपने आपको एकदम से सुरक्षित मानकर बेफिक्र नहीं रह सकते।हमें और हमें आगे भी अपने आप को बचाने के लिए सतर्क रहना होगा।'
उन्होंने 'कि कोरोना से बचाव के लिए हमें 'सोशल डिस्टेंसिंग' का पालन करना होगा, मास्क पहनना होगा और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हर जरूरी उपाय करना होगा तभी हम कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ यह जंग जीत पाएंगे।। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार सेरोलॉजिकल सर्वे में 21,387 लोगों का सैंपल लिया गया और रेंडम सर्वे किया, इसमें से करीब 23 फ़ीसदी लोग संक्रमित पाए गए। दिल्ली की जनसँख्या को 2.2 करोड़ के करीब माना है, ऐसे में करीब 46 लाख लोग दिल्ली में संक्रमित हुए।
सीरो-प्रीवलेंस स्टडी में सीरोलॉजी (ब्लड सीरम) जांच का इस्तेमाल कर किसी आबादी या समुदाय में ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, जिनमें किसी संक्रामक रोग के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाते हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल द्वारा दिल्ली सरकार के सहयोग से 27 जून से 10 जुलाई तक किया गया अध्ययन यह भी दिखाता है कि बड़ी संख्या में संक्रमित व्यक्तियों में लक्षण नहीं थे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सीरो-प्रीवलेंस अध्ययन के परिणाम दिखाते हैं कि औसतन, पूरी दिल्ली में आईजीजी एंटीबॉडी की मौजूदगी 23.48 प्रतिशत है। यह अध्ययन यह भी दिखाता है कि कई संक्रमित लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं थे।”सर्वे के तहत दिल्ली के सभी 11 जिलों के लिए सर्वेक्षण टीमें गठित की गई थी। चयनित व्यक्तियों के सीरम में आईजीजी एंटीबॉडी तथा संक्रमण की जांच की गई।
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दिल्ली में करीब 23 फीसदी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए