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सोनू पंजाबन को अदालत ने सुनाई 24 साल की सजा

सोनू पंजाबन को अदालत ने सुनाई 24 साल की सजा

नई दिल्ली । नाबालिग लड़की के अपहरण, बलात्कार, बाल तस्करी और देहव्यापार जैसे गंभीर अपराधों में दोषी ठहराई गई सोनू पंजाबन और उसके साथी संदीप बेदवाल को अदालत ने बुधवार को सजा सुनाई है। अदालत ने सोनू पंजाबन को 24 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई, वहीं संदीप को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। सोनू पंजाबन को पहले मामले में सजा मिली है। द्वारका स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीतम सिंह की अदालत ने सोनू पंजाबन पर 64 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। संदीप बेदवाल पर 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने फैसले में कहा है कि बच्ची ने इन अभियुक्तों की कैद में जो बर्दाश्त किया वह असहनीय था। यह मासूम बच्ची स्कूल जाने और खेलने की उम्र में ना जाने कितनी जगह बेची गई। कितनी बार बलात्कार हुआ। सोनू पंजाबन ने खुद एक औरत होते हुए ऐसे जुर्म किए जिसे सुनकर व्यक्ति की रुह कांप जाए। देहव्यापार कराने के लिए लड़की को तरह-तरह के नशे दिए जाते थे, ताकि वह ग्राहक के सामने विरोध ना करे। उसमें डर बैठाने के लिए उसके निजी अंगों और मुंह पर मिर्च लगाई जाती थी। यह सब खुद सोनू पंजाबन करती थी। अदालत ने यह भी कहा कि लड़की ने जब कोर्ट रूम में आपबीती सुनाई तो वहां उपस्थित न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोग भावुक हो गए। अदालत ने कहा कि ऐसा जुर्म करने वाले लोगों को समाज के बीच रहने का अधिकार नहीं है। इन्हें जेल की सलाखों के पीछे ही रखना उचित है। अभियुक्त संदीप बेदवाल लड़की को प्रेम जाल में फंसाकर जन्मदिन मनाने के बहाने वर्ष 2009 में लक्ष्मी नगर में रहने वाली सीमा आंटी के यहां लेकर गया था। वहां उसने बलात्कार किया और फिर सीमा आंटी को बेच दिया। इसके बाद तो लड़की लगातार बिकती रही। खरीद-फरोख्त के बीच वह सोनू पंजाबन तक पहुंची। सोनू पंजाबन ने बेरहमी की और इसे नशीला पदार्थ खिलाकर देह व्यापार के कारोबार में धकेल दिया। यहां भी चैन नहीं आया तो उसे कई जगह बेच डाला। सालों बाद वर्ष 2014 में लड़की मौका पाकर भाग खड़ी हुई और नजफगढ़ थाने पहुंची। जहां उसने आपबीती बताई। इसके बाद लड़की की काउंसिलिंग की गई। सोनू पंजाबन और दूसरे अभियुक्त संदीप को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष सोनू पंजाबन ने अपने पारिवार की हालात का रोना रोया। उसने बताया कि उसका एक नाबालिग बेटा है। उसके पति की हत्या हो चुकी है। पिता की मौत हो चुकी है। बुजुर्ग मां है। दो भाई हैं। उनमें से एक घर छोड़कर चला गया है दूसरे को एड्स की बीमारी है। पूरे परिवार का जिम्मा उसके कंधों पर है।
अदालत ने सोनू पंजाबन की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि उसके कृत्य इतने घिनौने हैं कि परिवार जैसे शब्द उसके मुंह से उचित नहीं लगते। अदालत ने कहा कि अभियोजन से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, बाल तस्करी व देह व्यापार के उसके खिलाफ ना जाने कितने मामले हैं। उसकी दलीलें बेमतलब की हैं। वहीं अदालत ने अभियुक्त संदीप की दलीलों को भी खारिज कर दिया। पीड़िता की तरफ से दिल्ली महिला आयोग की अधिवक्ता ने अदालत में याचिका दायर कर पीड़िता के लिए मुआवजा तय करने की मांग की। बताया गया कि लड़की को अंतरिम राहत के तौर पर दो लाख रुपये का मुआवजा मिल चुका है, लेकिन लड़की जिस हादसे से गुजरी है। उसके जीवन को पुन: पटरी पर लाने व पुनर्विकास के लिए अधिक से अधिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। अदालत ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) को सिफारिश की है कि वह लड़की को सात लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दे।
 

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