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 चुनाव से पूर्व ममता ने पार्टी संगठन में किया बड़ा फेरबदल -महुआ मोइत्रा और छत्रधर महतो को सौंपी बड़ी भूमिका

 चुनाव से पूर्व ममता ने पार्टी संगठन में किया बड़ा फेरबदल -महुआ मोइत्रा और छत्रधर महतो को सौंपी बड़ी भूमिका

नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल में आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक गोटियों को जमाने का काम टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने शुरू कर दिया है। भाजपा एक तरफ ममता सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में जुटी है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी टीएमसी के संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। ममता ने पार्टी संगठन में युवा चेहरों को जगह देने के साथ-साथ महुआ मोइत्रा जैसी तेज-तर्रार नेता को भी अहम भूमिका सौंपी है। बीजेपी की चुनौतियों से पार पाने के लिए उन्होंने पूर्व नक्सली छत्रधर महतो को पार्टी संगठन में जगह दी है।
ममता बनर्जी ने गुरुवार को टीएमसी की वर्चुअल बैठक में एक नई प्रदेश कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया है। इसके अलावा सात सदस्यीय एक कोर कमेटी गठित करने के साथ कई जिलों के पार्टी जिलाध्यक्षों को हटाकर युवा और नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी है। टीएमसी ने 40 सदस्यों की नई राज्य कमेटी गठित की है।
टीएमसी प्रमुख ने बंगाल के हावड़ा, कूचबिहार, पुरूलिया, नदिया, झाड़ग्राम और दक्षिण दिनाजपुर सहित कई जिलों में पार्टी अध्यक्षों को हटाकर नए और युवा चेहरों को मौका दिया है। इनमें हावड़ा सदर में पिछले कई सालों से जिला अध्यक्ष पद पर काबिज वरिष्ठ नेता व मंत्री अरूप राय की जगह अब पूर्व क्रिकेटर व खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रतन शुक्ला हिंदी भाषी चेहरे हैं और इसके जरिए हिंदी भाषी वोटरों को साधने की कवायद की है।
ममता बनर्जी ने नदिया जिले की जिम्मेदारी तेज-तर्रार युवा नेता महुआ मोइत्रा को दी गई है। मोइत्रा फिलहाल लोकसभा सदस्य हैं और संसद में जोरदार भाषणों से उन्होंने अपनी मजबूत पहचान बनाई है। ऐसे में चुनाव से पहले उन्हें नदिया जिले की जिम्मेदारी अहम मानी जा रही है। वहीं। दक्षिण दिनाजपुर जिला अध्यक्ष के पद से राज्यसभा सदस्य अर्पिता घोष को हटा कर गौतम दास को कमान सौंपी गई। इसी तरह बांकुरा में श्यामल संतरा, पुरुलिया में गुरुपद टूडू. कूचबिहार में पार्थ प्रतिम राय, झारग्राम में दुलाल मुर्मू को जिला अध्यक्ष बनाया गया है।
दरअसल पश्चिम बंगाल जंगलमहल इलाके में पिछले कुछ सालों में भाजपाने मजबूत स्थिति दर्ज कराई है और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां की अधिकतर सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी जंगलमहल इलाके में छत्रधर महतो का जबरदस्त राजनीतिक प्रभाव है। जिसके चलते उन्हें संगठन में तवज्जो दी गई है ताकि बीजेपी के प्रभाव को कम किया जा सके।
हालांकि। छत्रधर महतो और ममता बनर्जी की नजदीकी कोई नई बात नहीं है। 2019 में गिरफ्तारी से पहले जंगलमहल इलाके में छत्रधर के साथ ममता बाइक पर बैठकर चुनाव प्रचार करते हुए भी देखी गई थीं। वहीं। जेल से रिहा होने के बाद छत्रधर ने कहा था कि वह ममता बनर्जी पर विश्वास रखकर आगे की लड़ाई जारी रखेंगे। राज्य कमेटी में जंगलमहल के कुछ और नए चेहरों को जगह दी गई है।
दरअसल। ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ सत्ताविरोधी लहर को दबाने के लिए स्वच्छ छवि वाले चेहरे को सामने लाकर टीएमसी विधानसभा चुनाव से पहले यह दांव चला है। यही वजह है कि टीएमसी ने अपने कुछ पुराने चेहरों को बदलकर यह संदेश देने की कोशिश की है।
 

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