टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा ने इंडस्ट्री में हो रही छंटनी पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, कंपनियों द्वारा नौकरी से निकाले जाने की अनगिनत घटनाओं से लगता है जैसे कंपनियों की शीर्ष लीडरशिप में सहानुभूति की कमी हो गई है। इस संदर्भ में रतन टाटा ने कहा कि ये वे लोग हैं जिन्होंने कंपनी के लिए काम किया है। कर्मचारी अपना पूरा करियर कंपनी के लिए लगाते हैं और कोरोना वायरस महामारी जैसे संकट के समय में इनका सहयोग करने के बजाय ये बेरोजगार हो रहे हैं। मुनाफा कमाना गलत नहीं है, लेकिन मुनाफा कमाने का काम भी नैतिकता से करना चाहिए। टाटा की यह पीड़ा वाजिब है।
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(राजकाज) रतन टाटा की पीड़ा