भागलपूर | शहर का नाम भागलपुर। ओहदा है स्मार्ट सिटी का। तो परेशानी क्या हो सकती है ? कुछ भी नहीं ..
2200 से ज्याद मरीज हो गए हैं कोरोना के , तो परेशानी क्या हो सकती है ? कुछ भी नहीं..
शहर में लॉक डाउन लगा है , पर बसे चल रही है, तो परेशानी क्या हो सकती है ?
कुछ भी नहीं.. रात का वक़्त है और बताया जा रहा है कि थाने में पुलिस कम है तो परेशानी क्या हो सकती है ? कुछ भी नहीं ..जी हाँ ये तस्वीरें हैं भागलपुर जिले के जीरो माइल की। जहाँ सड़क पर थाना है और थाना के सामने ही बस वाले पैसंजर को उतार रहें हैं । उतरे भी क्यों नहीं ? क्योंकि शहर में तो लॉक डाउन है।
आदेश तो CM का है पर यहाँ के थाने में पुलिस ही तो कम है न। तभी तो रात्रि गस्ती का टाइम है और बताया जा रहा है कि थाना खाली पड़ा हुआ है ! मतलब थाने में पुलिस कम है।
कहा जा रहा है कि जिस पुलिस विभाग के जिम्मे शहर में लॉक डाउन का पालन करवाना है , वही पुलिस रात के समय चैन की बंशी बजा रही है । लगता है जीरो माईल थाने की पुलिस भी रात के समय ही होम क्वारंटाइन हो जाती है !!
इस संबंध में पूछे जाने पर जीरोमाइल थाना प्रभारी ने कहा कि ऐसी कोई भी बात नहीं है । रात में थाने में पदाधिकारी होते हैं।*
थानाप्रभारी की बात सच मान भी लिया जाए तो भी यह प्रश्न तो उठता है कि जिस थाना में पुलिस पदाधिकारी हैं पुलिस है और थाने के सामने ही बस से लोग उतर रहे हैं तो पुलिस आखिर कर क्या रही है ? या तो थाने में पुलिस नहीं है या कम है या पुलिस है तो आंखें बंद कर ली है या पुलिस को कुछ दिखाई ही नहीं पड़ रहा है।
आखिर क्या कारण हो सकता है ? यह प्रश्न तो जवाब मांगता ही है।
रीजनल ईस्ट
सरकार के आदेश का प्रशासन कर रही है नजरअंदाज