नई दिल्ली । सूरत की डायमंड इंडस्ट्री पर अब कोरोना का कहर टूट पड़ा है। इंडस्ट्री के 1,700 से ज्यादा वर्कर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। डायमंड इंडस्ट्री के केंद्र कतारग्राम और वराछा तो कोरोना के हॉटस्पॉट बन गए हैं। सूरत डायमंड एसोसिएशन ने नगर निगम आयुक्त से यह अनुरोध किया है कि हीरा कारोबार का समय बढ़ा दिया जाए और प्रत्येक एमेरी व्हील (हीरे की ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग के लिए इस्तेमाल यंत्र) पर 2 लोगों को बैठने की इजाजत दी जाए।
सूरत के नगर निगम आयुक्त बीएन पनी ने कारोबारियों और कारखाना मालिकों के लिए कुछ मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तय की हैं। नगर निगम ने कंपनियों से कहा है कि वे एक समय में अपने सिर्फ 50 फीसदी कामगारों को काम पर लगाएं और कारखानों में हर एमेरी व्हील पर सिर्फ एक व्यक्ति ही पॉलिशिंग के लिए बैठे। बाजारों को दोपहर दो बजे से शाम 6 बजे तक ही खोलने की इजाजत दी गई है।
ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव बाबूभाई विदिया ने कहा नियम इतने कठोर हैं कि इस इंडस्ट्री के लिए कारोबार करना मुश्किल हो गया है। हम प्रशासन से यह मांग कर रहे हैं कि बाजार में कारोबार का समय बढ़ाया जाए और एक व्हील पर दो लोगों को बैठने की इजाजत दी जाए। पनी ने कहा यह नियम इसलिए बनाए गए हैं, क्योंकि जिले में कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यदि कोरोना केस की संख्या कम होती है, तो हम इस एसओपी में नरमी लाने के बारे में सोचेंगे।
गौरतलब है कि पूरे देश के साथ ही गुजरात में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सरकार ने आर्थिक मजबूरियों की वजह से बाजार तो खोल दिए हैं, लेकिन इसकी वजह से कोरोना के बढ़ते मामले एक अलग तरह की चुनौती पेश कर रहे हैं। कोरोना की वजह से डायमंड उद्योग को भी भारी नुक़सान उठाना पड़ रहा है। सामान्य दिनों में जहां डायमंड फैक्टरी में 100 प्रतिशत डायमंड वर्कर काम करते थे तो कोरोना के समय सिर्फ 25 प्रतिशत ही वर्कर काम कर रहे हैं।
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संकट में पड़ा सूरत का डायमंड कारोबार, 1700 से ज्यादा वर्कर कोरोना पॉजिटिव