अमेरिका में फेसबुक, अमेजॉन, गूगल, एप्पल के खिलाफ व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा संबंधी कानून के उल्लंघन को लेकर पूछताछ चल रही है। यह चारों कंपनियां सारी दुनिया में एकाधिकार के बल पर भारी कमाई कर रही हैं। भारत सहित वैश्विक बाजार पर जिस तरह से यह कंपनियां अपना प्रभाव बनाती हैं। प्रतिस्पर्धी को खत्म करने के लिए वैध और अवैध तरीके अपनाकर एकाधिकार कायम करती हैं। इसको लेकर अमेरिकी सांसदों की समिति इन कंपनियों के खिलाफ जांच कर रही है। मार्क जुकरबर्ग, जैफ बेजोस, सुंदर पिचाई और टिम कुक अमेरिकी सांसदों की कमेटी के सामने उनके प्रश्नों का जवाब दे रहे हैं।
गूगल पर आरोप है कि उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को किसी भी अन्य संगठन के मुकाबले ज्यादा महत्व दिया है। डब्ल्यूएचओ ने अमेरिका से सच छुपाया और गूगल ने डब्ल्यूएचओ के पक्ष में काम कर अप्रत्यक्ष रूप से चीन को फायदा पहुंचाया।
अमेरिका जब इन कंपनियों के चंगुल में फंसा, तब जाकर नियंत्रण करने की कोशिश शुरू हुई हैं। सांसदों ने इन चारों कंपनियों के प्रमुखों से जब सवाल किए, तो इन्हें जवाब देना मुश्किल हो गया।
भारत से सबसे ज्यादा ऑनलाइन कमाई
इन चारों कंपनियों ने भारत को दोनों हाथों से लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भारत सबसे बड़ा बाजार है, इस बाजार में उत्पाद बेचने, यहां का डेटा, सारे विश्व में बेचने और भारत से पैसे कमाने के लिए इन्हीं चारों कंपनियों का उपयोग विश्व भर की कंपनियों ने किया है। इन चारों कंपनियों के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है। भारत के बाजार में इन चारों कंपनियों ने एकाधिकार बनाकर पिछले 20 वर्षों में विशेष रुप से 2010 के बाद से बहुत मनमानी की है।भारत की जानकारियां,सूचनाएं, डाटा और आइडिया चुराकर अरबों- खरबों रुपए कमाए हैं।भारत सरकार इन कंपनियों के आगे एक तरह से नतमस्तक होकर खड़ी हुई है। जिसके कारण यह भारत से कमाई भी कर रहे हैं और भारत सरकार को टैक्स भी अदा नहीं कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा बौद्धिक चोरी भारत से पिछले 20 वर्षों में इन कंपनियों ने फ्री के प्लेटफार्म देकर मनमानी शर्तों पर उपयोगकर्ताओं से सहमति करा कर आम आदमियों के साथ बड़ा धोखा किया है। भारत के जितने भी बौद्धिक लोग हैं, उनके आइडिया, जानकारी और उनकी समस्त व्यापारिक गतिविधियों को अपने डेटाबेस बनाकर अरबों-खरबों रुपए इन कंपनियों ने भारत से कमाए हैं। लेकिन इन कंपनियों ने भारत में कॉपीराइट एक्ट का पालन भी नहीं किया। इन चारों कंपनियों के पास खुद के कोई कंटेंट नहीं है। न ही यह कोई कंटेंट तैयार करती हैं। सारे लोग इन कंपनियों के विभिन्न प्लेटफार्म में अपनी जानकारी, कंटेंट और आइडिया पोस्ट करते हैं। जिन्हें चुराकर अथवा कॉपीराइट एक्ट का पालन नहीं करके यही कंपनियां खरबों रुपए कमा रही हैं। भारत सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। भारत सरकार अभी तक उपयुक्त कानून भी नहीं बना पाई है। भारत सरकार को अमेरिका से सबक लेने की जरूरत है। इन बड़ी मछलियों को काबू में लाने की आवश्यकता है, जो पूरे भारत का व्यापारिक, आर्थिक एवं बौद्धिक शोषण हर तरीके से कर रही हैं। इसके लिए उपयुक्त कानून बनाने के साथ ही बौद्धिक संपदा अधिकार की रक्षा करना भी सर्वोच्च प्राथमिकता में होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो भारत को जहां आर्थिक नुकसान तो होगा ही इसके साथ साथ हम एक बार फिर इनके गुलाम होकर रह जाएंगे।
(लेखक-सनत जैन)
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(विचार-मंथन) 4 बड़ी ऑनलाइन कंपनियों द्वारा भारत से खरबों रुपए की बौद्धिक चोरी