YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

हबीबगंज स्टेशन पर रुकेंगी 120 ट्रेनें पांच साल का लगेगा समय, रेलवे ने की तैयारी शुरू

हबीबगंज स्टेशन पर रुकेंगी 120 ट्रेनें  पांच साल का लगेगा समय, रेलवे ने की तैयारी शुरू

अगले पांच सालों में हबीबगंज स्टेशन पर 120 ट्रेनें रुकेंगी।इसको लेकर रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए तीसरी पिट लाइन (ऐसी लाइन, जिस पर कोच का मामूली मेंटेनेंस व धुलाई होती है) का काम तेजी से किया जा रहा है।
वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनते ही हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर अधिक ट्रेनें रुकेंगी। अभी यहां चौबीस घंटे में अप-डाउन की 65 ट्रेनें (साप्ताहिक ट्रेनों को मिलाकर) ही रुकती हैं। मई में ओवर हॉलिंग शेड का काम शुरू हो जाएगा। इस शेड में उन कोचों का मेंटेनेंस होगा, जिन्हें अभी कोच फैक्ट्री व भोपाल स्टेशन भेजना पड़ता है। अधिक ट्रेनें रुकने का फायदा नए भोपाल के यात्रियों को होगा, उन्हें लंबी दूरी की कुछ ट्रेनें हबीबगंज रेलवे स्टेशन से ही मिल जाएंगी। भोपाल नहीं जाना पड़ेगा। अभी यात्रियों को हजरत निजामुद्दीन-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ज्यादातर फास्ट ट्रेनों को पकड़ने के लिए भोपाल स्टेशन पहुंचना पड़ता है। अभी भोपाल रेलवे स्टेशन में 135 ट्रेनों का दबाव है। ये चौबीस घंटे में रुकती हैं। इनमें साप्ताहिक ट्रेनें भी शामिल है। इनसे चौबीस घंटे में 40 से 50 हजार यात्री सफर करते हैं। इस तरह भोपाल में ट्रेनों का दबाव ज्यादा है। यदि इनमें से कुछ ट्रेनें हबीबगंज रुकती हैं तो दबाव कम होगा, इसका फायदा यात्रियों को भी होगा। हालांकि ऐसा करने पर रेलवे को यात्रियों की नाराजगी का सामाना करना पड़ सकता है। क्योंकि जिन यात्रियों को भोपाल स्टेशन पास में पड़ता है वे नही चाहेंगे कि भोपाल में रुकने वाली ट्रेन हबीबगंज स्टेशन में रुके। वहीं, रेलवे को भोपाल से हबीबगंज के बीच 10 किमी के दायरे में एक ही ट्रेन को दो जगह स्टेशन पर रोकने में दिक्कत होगी। इससे परिचालन समय बढ़ जाएगा। हालांकि अभी कुशीनगर, झेलम समेत कई ट्रेनें ऐसी हैं जो दोनों स्टेशनों पर रुकती हैं। यह समस्या उन ट्रेनों को रोकने में आएंगी, जो सुपरफास्ट होंगी। 
    अधिक ट्रेनें रोकने के लिए तीसरी रेल लाइन का चालू होना ज्यादा जरूरी है। इसके लिए रेल विकास निगम लिमिटेड को तेजी से काम करने को कहा गया है। पटरी बिछा दी गई है, लेकिन ओएचई लाइन के खंभे से लेकर जरूरी तकनीक के काम होने हैं। इस तरह वर्ल्ड क्लास स्टेशन व तीसरी रेल लाइन का काम पूरा होने में कम से कम एक साल लगेंगे। तब ही ट्रेनों का स्टॉपेज बढ़ेगा। भोपाल स्टेशन पर पहले से दबाव है। आने वाले सालों में हबीबगंज में भी यही स्थिति होंगी। इसको देखते हुए रेलवे निशातपुरा, मिसरोद, मंडीदीप को भी विकसित करने की योजना बना रही है। संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर पहले से ही काम चल रहे हैं। नया भोपाल मंडीदीप तक फैल गया है। यहां के हजारों यात्री हबीबगंज से ही ट्रेनें पकड़ते हैं।भोपाल की तुलना में यात्रियों के लिए हबीबगंज पहुंचना ज्यादा आसान है। क्योंकि ट्रैफिक जाम की स्थिति अधिक नहीं बनती। पहुंचने के लिए भी कई साधन है। भोपाल की तुलना में हबीबगंज में पार्किंग के लिए अच्छा स्पेस है, भोपाल में इसकी कमी है। इस संबंध में भोपाल रेल मंडल के डीआरएम शोभन चौधुरी का कहना है कि  हबीबगंज में ट्रेनों के स्टॉपेज तो बढ़ेंगे, लेकिन इसके लिए तीसरी रेल लाइन चालू होना जरूरी है। साथ ही वर्ल्ड क्लास स्टेशन का काम भी चल रहा है। ये दोनों काम होने के बाद ही स्टॉपेज बढ़ाएंगे। यात्रियों को इसके फायदें होंगे।

Related Posts