स्वदेशी की प्रतीक खादी की लोकप्रियता में खासा इजाफा हुआ है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2018-19 में खादी उत्पादों की बिक्री 28 प्रतिशत बढ़कर 3,215.13 करोड़ रुपये की हो गई। इस दौरान हाथ से बुने खादी वस्त्र का उत्पादन 16 प्रतिशत बढ़कर 1,902 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने कहा कि कारोबार की इस तेजी में खादी को अपनाने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का खास असर है।
केवीआईसी द्वारा दिये गए आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2015-2019 के बीच खादी, पॉली और सोलर के मिले-जुले उत्पादन में क्रमशः 25.52 प्रतिशत और 34.86 प्रतिशत की वार्षिक दर से वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-14 में यह वृद्धि दर क्रमशः 6.48 प्रतिशत और 6.82 प्रतिशत थी। केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा, हमारे तैयार (सिले सिलाए) उत्पादों में नमो जैकेट सभी आयु वर्ग के खरीदारों का पसंदीदा उत्पाद रहा केवल ‘नमो ऐप’ के माध्यम से पिछले दो महीनों में केवीआईसी से 7,000 मोदी जैकेट खरीदे गए। उन्होंने कहा, इसके अलावा, हमारे अधिकांश बिक्री केन्द्रों पर प्रतिदिन कम से कम 200 मोदी जैकेट और कुर्ते बेचे जाते हैं। उन्होंने कहा, उन्हें 2019-2020 के अंत तक खादी की बिक्री 5,000 करोड़ रुपये से भी अधिक होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग के पुनरुद्धार के साथ ही इसके कारीगरों और श्रमिकों के पुनरुद्धार के लिए मोदी द्वारा दिए गए विशेष जोर के कारण ही यह संभव हो सका है।
सक्सेना ने इस सफलता के लिए केवीआईसी के आक्रामक विपणन और जनशक्ति के उचित उपयोग को भी श्रेय दिया। सक्सेना ने कहा, इस सफलता का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2014-15 में, 2,002 कर्मचारियों के साथ खादी की बिक्री 1,310.90 करोड़ रुपये थी, लेकिन 2018-19 में, केवल 1,535 कर्मचारियों के साथ बिक्री 3,215.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इसका मतलब है कि पिछले पांच सालों में 24 फीसदी कम कर्मचारियों के साथ खादी की बिक्री में 145 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। सक्सेना ने आगे कहा कि केवीआईसी उत्पादों की विदेशी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए निर्यात प्रकोष्ठ भी स्थापित किये जा रहे हैं।
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खादी वस्त्रों की लोकप्रियता में इजाफा, 28 फीसदी बढ़त के साथ सालाना बिक्री हुई 3,215