धर्मशाला । राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा, कांगड़ा के प्रधानाचार्य व विभागाध्यों के साथ कोविड-19 की स्थिति और संस्थान की प्राथमिकताओं, उद्देश्य व इस महामारी से निपटने को लेकर के लिए किए जा रहे नवाचारों पर चर्चा की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि टांडा अस्पताल ने कोविड-19 मरीजों की देखरेख में बेहतरीन परिणाम दिए हैं, जो की सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 निर्धारित अस्पताल न होने के बावजूद भी यहां स्थिति से निपटने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे है। उन्होंनेे कहा कि प्रारम्भ में इस अस्पताल में कोविड-19 के 107 सैंपल की जांच क्षमता थी, अब बढ़कर 700 से अधिक है। राज्यपाल ने इसे और अधिक बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने रक्तदाताओं और अन्य स्वयंसेवी संगठनों को रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल में एक हजार यूनिट की रक्त भंडारण क्षमता और ब्लड बैंक में उपयुक्त मात्रा में रक्त उपलब्ध होने पर संतोष व्यक्त किया।
बंडारू दत्तात्रेय ने मरीजों को गुणवत्तापूर्ण आहार देनेे और मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक पहुंचाने की परिवहन की सुविधा में और अधिक दक्षता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों की सही ट्रेसिंग आवश्यक है। अधिकारियों को प्लाजमा दान के लिए अलग विभाग शुरू करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति प्लाजमा दान करने के लिए आगे आ रहे है, उनका नाम पंजीकृत करना भी आवश्यक है। उन्होंने अस्पताल में आॅक्सीजन आपूर्ति पाईप लाईन की सुविधा और पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर की उपलब्धता पर संतोष व्यक्त किया।
राज्यपाल ने अस्पताल में दी जा रही अन्य सुवधिाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अस्पताल में 1455 मरीज प्रतिदिन पंजीकृत हो रहे है और 600 मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे है। उन्होंने संस्थान में 6 सलाहकारों द्वारा मरीजों को ई-संजीवनी सुविधा उपलब्ध करवाने पर भी खुशी जाहिर की।
डाॅ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा के प्रधानाचार्य डाॅ. भानु अवस्थी ने संस्थाना द्वारा कोरोना महामारी से निपटने के लिए किए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि यहां कांगड़ा और ऊना जिला के कोविड सैंपल की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल द्वारा प्रदान की जाने वाली नियमित स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं से कोई समझौता नहीं किया जा रहा है और साथ ही कोविड-19 मरीजों की देखभाल भी सुनिश्चित की जा रही है। इस संस्थान में एक फ्लू क्लीनिक आरम्भ किया गया है और 5 काउंटर शुरू किए गए है। इस संस्थान में कोविड-19 रोगियों के लिए आइसोलेशन सुविधा जनवरी 2020 में आरम्भ कर दी थी।
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राज्यपाल ने कोविड-19 से निपटने में टांडा मेडिकल काॅलेज के प्रयासों को सराहा