नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने कर जमा नहीं करने वाली 5,584 कंपनियों को नोटिस जारी किया है। सरकार की ओर से 15 हजार कंपनियों के विश्लेषण करने के बाद पाया गया है 10 हजार से अधिक कंपनियों ने जनवरी से मार्च 2020 के बीत जनता से टैक्स लिए जाने के बाद कर जमा नहीं कराया है। इसमें 970 कंपनियां ऐसी है जिन्होंने एक भी रूपया टैक्स नहीं दिया है। सरकार ने कर जमा नहीं करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी करन के साथ ऐसी क्षेत्र की कंपनियों को चिन्हित किया है जो लॉकडाउन से प्रभावित नहीं थी फिर भी टैक्स जमा नहीं कराया है। इसमें ई-कॉमर्स, ऑटोमोबाइल्स व इलेक्ट्रानिक्स, हेल्थ केयर, सुरक्षा दवा कंपनियां समेत 9 क्षेत्र की कंपनियां शामिल है। बताते चले कि सरकार को टैक्स नहीं मिलने से राजस्व में कमी आई है। बीते साल जहां जनवरी से मार्च के बीच 5 हजार करोड़ से अधिक कर राजस्व मिला था। वहीं इस वर्ष इस दौरान 3777 करोड़ ही टैक्स मिला है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 के पहली तिमाही के कलेक्शन का विश्लेषण किया गया है। इस दौरान कई क्षेत्र की कंपनियों को महामारी के चलते नुकसान हुआ है। मगर कई कंपनियां जिन्हें सीधे तौर पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। वह भी कर जमा नहीं कर रही है। संभवत: उनकी खपत बढ़ी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि करीब 935 डीलर जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहली तिमाही अप्रैल से जून 2020 में जीरो टैक्स जमा कराया है। जबकि यह जनता से टैक्स वसूल रहे है। इसलिए इन क्षेत्र के कंपनियों के टैक्स की स्क्रूटनी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने टैक्स चोरी किया है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रीजनल नार्थ
टैक्स न जमा करने करने वाली कंपनियों पर होगी कार्रवाई