YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

पहले वाली रौनक नजर नही आ रही जयपुर एयरपोर्ट -फ्लाइट्स के ‎लिए यात्रियों का टोटा

पहले वाली रौनक नजर नही आ रही जयपुर एयरपोर्ट -फ्लाइट्स के ‎लिए यात्रियों का टोटा

जयपुर । कोरोना वायरस से अनलॉक में भी जयपुर एयरपोर्ट पर पहले वाली रौनक नज़र नहीं आ रही है। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कोरोना से पहले रोजना तकरीबन 70 घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट्स उड़ान भरती थी। यहां सेलीब्रिटी का मेला लगा रहता था। यात्री टिकट ना मिलने से परेशान थे और शिड्यूल में रोज़ इजाफा हो रहा था। लेकिन कोरोना के बाद जैसे एयरपोर्ट को किसी की नज़र लग गई। अब ना वो पहले जैसी रौनक है और ना हस्तियों का आना जाना। 22 मई से केन्द्र सरकार ने घरेलू उड़ानों को उड़ान भरने की अनुमति दी थी। अनुमति मिलने के बाद सभी एयरलाइन्स कंपनियों में खुशी की लहर थी और वे अपने घाटे की भरपाई करने में जुट गई थी, लेकिन नतीजा बिल्कुल उल्टा निकला।वर्तमान में लगभग सभी फ्लाइट्स 20 से 25 यात्रियों को लेकर उड़ान भर रही है। जयपुर एयरपोर्ट पर कभी टिकट को लेकर मारामारी रहती थी उसी एयरपोर्ट पर ये दिन भी आया कि जब एक बार जयपुर से आगरा के लिए एक प्लेन ने सिर्फ एक यात्री को लेकर उड़ान भरी। 22 मई के बाद जयपुर एयरपोर्ट पर 22 से 24 फ्लाइट्स का नियमित शिड्यूल बना। लेकिन 22 मई से लेकर आज तक एक भी बार सभी शिड्यूल 24 फ्लाइट्स ने जयपुर से उड़ान नहीं भरी। रोजाना 6 से 12 फ्लाइट्स का रद्द होना अब आम बात हो गई है।वहीं पहले से घाटे में चल रही एयरलाइन्स यात्रियों को किसी ऑफर देने के मूड में नज़र नहीं आ रही है। उल्टा अगर यात्री टिकट रद्द करवाता है तो उसे पैसे रिफंड करने की बजाय दूसरी फ्लाइट और दूसरी तारीख का विकल्प दिया जा रहा है। कोरोना का भय इस कदर हावी है कि जब तक बहुत ज़रूरी ना हो तो कोई यात्रा नहीं कर रहा। कई बार यात्री टिकट तो बुक करवा लेता है लेकिन कोरोना के डर से अपनी टिकट उड़ान से पहले रद्द करवा लेता है। इस समय घरेलू उड़ानों के अलावा जयपुर एयरपोर्ट पर वंदे भारत मिशन की फ्लाइट्स का भी आवागमन है। जयपुर एयरपोर्ट ने घरेलू उड़ानों और मिशन वंदे के अराइवल का इंतज़ाम अलग अलग किया हुआ है ताकि दोनों उड़ानों के यात्री एक दूसरे के संपर्क में ना आए। बता दें कि कोरोना के डर के बीच जिंदगी आहिस्ता आहिस्ता पटरी पर लौट रही है। कोरोना कब खत्म होगा कोई नहीं जानता लेकिन इसके चलते जरूरी काम रूक नहीं सकते इसलिए लॉकडाउन में छूट के साथ साथ वो सभी ज़रूरी संस्थाएं खुल गई हैं जिनका आम जिदंगी से रोजमर्रा का काम पड़ता है।
 

Related Posts