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भाजपा के लिए दौसा सीट बनी सिरदर्द -स्थानीय क्षत्रपों की आपसी खींचतान का नतीजा

भाजपा के लिए दौसा सीट बनी सिरदर्द -स्थानीय क्षत्रपों की आपसी खींचतान का नतीजा

 राजस्थान की मीणा बहुल दौसा सीट पर भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसकौर मीणा को टिकट दे दिया है , इससे वहां के स्थानीय नेता नाराज हो गए है। इस सीट पर स्थानीय क्षत्रपों की आपसी खींचतान के कारण अब संकट के बादल मंडराने लगे है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही बीजपी ने वसुंधरा राजे की करीबी माने जाने वाली जसकौर मीणा को टिकट दे दी लेकिन अब बड़ा सवाल टिकट की दौड़ में शामिल रहे डॉ, किरोड़ी मीणा व विधायक ओमप्रकाश हुडला की नाराजगी दूर करने का है। ऐसा कहा जाता है कि राज्यसभा सदस्य डॉ मीणा अपनी पत्नी गोलमा देवी और हुडला खुद के लिए टिकट मांगे रहे थे। राजनीतिक टीकाकारों के अनुसार स्थानीय मीणा क्षत्रपों की आपसी खींचतान के चलते यह इलाका बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गया है। विधानसभा चुनाव में भी यहां की सीटों को लेकर काफी खींचतान हुई और अंतत: भाजपा इस लोकसभा क्षेत्र की सात में से एक भी सीट नहीं जीत पाई। यहां तक कि उससे बागी हुए ओमप्रकाश हुडला महुवा से जीत गए और लोकसभा के लिए टिकट मांग रहे थे। यहां राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा एक ध्रुव बने हुए हैं तो हुडला के दृश्य में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जसकौर मीणा का नाम चला दिया और टिकट अंतत उन्हें ही मिली। अब बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी के स्थानीय क्षत्रपों की खींचतान का फायदा कांग्रेस को मिलेगा? हालांकि सूत्र बताते हैं कि जसकौर का नाम तब तय हुआ, जब केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तीनों  को मना लिया। उन्होंने तीनों दावेदारों से फोन पर बात की और वसुंधरा से खुद जाकर मिले।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओड ने कहा,' बीजेपी में खींचतान नहीं जबरदस्त खींचतान मची है और निश्चित रूप से इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा।' वहीं दौसा में भाजपा के जिलाध्यक्ष घनश्याम बालाहेड़ी के अनुसार ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा,'चिंता मत करिए सब सही हो जाएगा। हमारा प्रचार और बैठकों का दौर शुरू हो गया है।' किरोड़ी मीणा व अन्य लोगों की नाराजगी के बारे में उन्होंने दोहराया,'सब सही हो जाएगा।' कांग्रेस ने दौसा से विधायक मुरारी मीणा की पत्नी सविता मीणा को लोकसभा के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं 2014 में भाजपा के हरीश चंद्र मीणा ने किरोडी मीणा को 45404 मतों से हराया। मीणा तब एनपीपी के टिकट पर लड़े मीणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आ गए और इस समय देवली उनियारा से विधायक हैं।  कांग्रेस ने यहां से सविता मीणा को प्रत्याशी बनाया है और राज्य की 25 में से यह एकमात्र सीट है जहां दोनों प्रमुख उम्मीदवार महिलाएं है। इस सीट पर छह मई को मतदान होगा। वैसे दौसा में भाजपा के लिए यहां खींचतान नयी नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार 2008 में भाजपा ने किरोड़ी मीणा का टिकट काटकर जसकौर को सवाई माधोपुर से टिकट दी और वह जीतीं। नाराज किरोड़ी मीणा भाजपा से किनारा कर गए। 2014 का चुनाव वह एनपीपी के टिकट से लड़े पर हार गए। हालांकि बाद में उन्हें मना लिया गया और राज्य सभा सदस्य बनाया गया। दौसा सीट में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं। दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लालसोट, दौस, सिकराई व चाकसू सीट पर जीत गयी। महुवा सीट पर भाजपा के बागी ओमप्रकाश हुडला जीते जो अब लोकसभा के लिए पार्टी की टिकट मांग रहे थे। बस्सी व थानागाजी के निर्दलीय विधायकों ने हाल ही में राज्य के 10 अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने की घोषणा की थी।  

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