नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट को दिल्ली सरकार ने सूचित किया कि उसने नौ हजार शिक्षकों को जुलाई व अगस्त की तनख्वाह देने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 98.35 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि उसने शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने के लिए निगम को पिछले साल खर्च नहीं हो सकी 18.071 करोड़ रुपये की राशि का भी इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच स्वतः संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह जनहित याचिका हाईकोर्ट ने उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भुगतान नहीं की गई तनख्वाह की अदायगी के संबंध में शुरू की थी। हाईकोर्ट ने उत्तर दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों की तरफ से अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई के बाद इस जनहित याचिका को शुरू किया था। शिक्षक संघ की याचिका में अधिकारियों को वेतन का भुगतान करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया था जो मार्च से बकाया है। मार्च में ही राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। बेंच ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा योजना के तहत चूंकि दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 98.35 करोड़ रुपये जारी किए हैं, इसलिए नगर निकाय सुनिश्चित करे कि मई के बाद से शिक्षकों की बकाया तनख्वाह का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान के अलावा उत्तरी दिल्ली नगर निगम उसके द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने के लिए कोष उपलब्ध कराके योगदान दे। बेंच ने नगर निकाय के अधिकारियों को दो हफ्तों में नई स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने मामले को एक सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मंगलवार को एमसीडी स्कूलों के बारे में कहा कि मैं सुन रहा हूं कि एमसीडी स्कूल के शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है और छात्रों को किताबें नहीं मिल रही हैं। अगर बीजेपी उन्हें चलाने में असमर्थ है, तो उन्हें हमें दे दें और हम उन्हें ठीक से चलाएंगे, लेकिन पहले बीजेपी को यह स्वीकार करना चाहिए कि वे उनका प्रबंधन नहीं कर सकते हैं।
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शिक्षकों के वेतन के लिए उत्तरी निगम को 98.35 करोड़ रुपये जारी किए