नई दिल्ली । दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में पंजीकृत करीब 15 फीसदी छात्रों का लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही कोई अता-पता नहीं है और ए विद्यार्थी आनलाइन कक्षाओं में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि इन छात्रों का पता लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें प्रणाली में वापस लाया जा सके। सिसोदिया दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री भी हैं। हमलोग पूरी तरह से अध्यापन का संचालन कर रहे हैं। यह या तो आनलाइन हो रहा है अथवा फोन के माध्यम से, और शिक्षकों को प्रत्एक छात्र के साथ व्यक्तिगत भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। अबतक अधिकतम 15 फीसदी छात्र ऐसे हैं जिनका पता नहीं चल पाया है अथवा उन्होंने स्कूल से कोई संपर्क नहीं किया है और इसलिए वह कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी समीक्षा कर रहा हूं और हमें कुछ छात्रों का पता चला है। अन्य मामलों में छात्र या तो उस पते पर नहीं रह रहे हैं अथवा हमारे पास रिकार्ड में उनका जो फोन नंबर है, उसका कोई अता पता नहीं है। मैने स्कूल प्रबंधन समिति से कहा है कि उन विद्यार्थियों का पता लगाया जाना चाहिए। कुछ ऐसे छात्र हैं जो बिहार एवं उत्तराखंड स्थित अपने घर चले गए हैं लेकिन हमारे संपर्क में हैं और कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि कितने ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका पता नहीं चल रहा है, सिसोदिया ने कहा, औसतन हर कक्षा में चार पांच विद्यार्थी हैं जो इस श्रेणी में हैं। उनमें से कई छठी कक्षा के हैं और बाकी कक्षाओं में यह संख्या बहुत कम है।' दिल्ली सरकार के 1100 से अधिक स्कूलों में करीब 15 लाख छात्र पंजीकृत हैं।
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15 फीसदी स्कूली छात्रों का लॉकडाउन के बाद कोई पता नहीं : दिल्ली सरकार