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 दिल्ली व्यापारियों की जिम-होटल खोलने की मांग

 दिल्ली व्यापारियों की जिम-होटल खोलने की मांग

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के होटल, जिम और वीकली बाजारों को खोलने की अनुमति देने के फैसले को उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा खारिज किये जाने के विरोध में व्यापारियों और उद्यमियों के संगठन एकजुट हो गए हैं। मंगलवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के मंच से व्यापारी संगठन ने एलजी  के सामने दिल्ली में जिम, होटल और साप्ताहिक बाजारों को खोलने की मांग रखी है। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि ये तीनों ऐसे व्यवसाय हैं जिससे करीब 25 लाख लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है। 8 जून 2020 को केंद्र सरकार का ही आदेश था कि पूरे देश में होटल और साप्ताहिक बाजार खोले जा सकते हैं। इसके बाद अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा होटल और वीकली बाज़ार खोलने के आदेश दिए गए थे, लेकिन उस दौरान कोरोना को लेकर दिल्ली में परिस्थितियां गंभीर थीं इसलिए होटल और साप्ताहिक बाजारों को शुरू करने अनुमति नहीं दी गई थी। चैंबर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री का कहना है कि काफी समय से दिल्ली में कोरोना की स्थिति बेहतर हो रही है। कोरोना के केस कम होने के साथ रिकवरी रेट भी लगभग 90 प्रतिशत से अधिक तक पहुंच गया है,जबकि अन्य राज्यों में जहां कोरोना की स्थिति भयावह है, वहां होटल और साप्ताहिक बाजारों को अनुमति मिल गई है। नोएडा और गुरुग्राम जैसे पड़ोसी शहरों में भी काफी समय से होटल और साप्ताहिक बाजार खुल रहे हैं। उपराज्यपाल से सवाल पूछते हुए गोयल ने कहा कि अनलाॅक 3 में 5 अगस्त से जिम खोलने की अनुमति दी गई और यूपी, हरियाणा समेत कई राज्यों में जिम खुल चुके हैं। एक तरफ दिल्ली सरकार अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी है, तो ऐसे समय में होटल, जिम और साप्ताहिक बाजारों को खुलने की अनुमति नहीं देना समझ से परे है। वहीं, साप्ताहिक बाजार व्यापारी संजय सचदेवा ने बताया कि दिल्ली में लगभग 2700 साप्ताहिक बाजार लगते हैं जिसमें लगभग 4 लाख लोग जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि साप्ताहिक बाज़ार से छोटे बड़े हर तरह के लोग जुड़े हुए हैं जिनका रोजगार छिन गया है। जमा पूंजी ख़त्म हो गयी है और घर पर पढ़ाई से लेकर दवाई की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। ऐसे में साप्ताहिक बाज़ार खोलकर राहत दी जाए। जिम संचालक चिराग सेठी ने बताया कि दिल्ली में लगभग 5500 जिम हैं और 1 लाख से ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी इससे जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर हमें जिम खोलने की अनुमति नहीं दी गई तो जिम संचालक आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली में छोटे-बड़े लगभग 2500 होटल एवं गेस्ट हाउस नुकसान झेल रहे हैं। तमाम व्यापारियों ने होटल, जिम और साप्ताहिक बाज़ार खोलने की अनुमति मांगते हुए उपराज्यपाल को आश्वासन दिया कि वो सरकार द्वारा जो भी गाइडलाइन जारी की जाएंगी, उसका पूरी तरह से पालन करेंगे।
 

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