जयपुर । राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र में गहलोत सरकार की ओर से पेश विश्वास मत प्रस्ताव पारित हो गया है। ध्वनि मत के साथ सदन में विश्वास प्रस्ताव पारित हो गया है। साथ ही सदन की कार्यवाही 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं, विधानसभा सत्र के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा, 'जब मैं पहली बार 156 सीट लेकर आया, तब भैरोंसिंह शेखावत 32 सीट पर आ गए थे। मिर्धा कांड में सुरक्षा को खतरा था। मैं उनसे मिलने गया। मेरे शेखावत साहब से सहज रिश्ते रहे। मैंने उन्हें अहसास नहीं होने दिया, लेकिन वसुंधरा राजे को उनके सलाहकारों ने ऐसी सलाह देकर गुमराह कर दिया। वसुंधरा राजे ने शेखावत से रिश्ते नहीं बनने दिए, वरना हम एक दूसरे से अनुभव साझा करते। इसका फायदा भी मिलता।
सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पर हुए बहस का जवाब देकर सीएम गहलोत ने कहा, राजस्थान में फोन टैपिंग की परम्परा नहीं रही है। सरकार गिराने का पूरा षड्यंत्र था। देश में लोकतंत्र खतरे में है। केवल 2 लोग राज कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी के लोग बगुला भक्त बन रहे हैं। उन्होंने कहा, 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। मैं 69 साल का हो गया, 50 साल से राजनीति में हूं। मैं आज लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं। उन्होंने बताया कि भैरोंसिंह शेखावत सरकार को गिराने का षड्यंत्र हुआ था। मैं उस समय पीसीसी चीफ था। मैं पीएम और राज्ययपाल के पास गया। मैंने षड्यंत्र में शामिल होने से इनकार किया। मैंने चुनी हुई सरकार को गिराने से इनकार किया था।
सीएम गहलोत ने कहा, राजनीति का नैतिक पतन हो रहा है। देश में आर्थिक स्थिति, कोरोना को लेकर भयावह हालात हैं। हमारी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उसमें बीजेपी को बहुत तगड़ा झटका लगा। शायराना अंदाज में सीएम गहलोत ने कहा, तू इधर-उधर की ना बात कर ये बता काफिला क्यों लुटा, काफिलों का रहबर ही कातिल से मिला हुआ था।
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गहलोत ने साबित किया बहुमत, विश्वास मत जीता, 21 अगस्त तक सदन स्थगित