नई दिल्ली । कोरोना महामारी के दौर में आशा वर्कर कोरोना योद्धा की तरह काम कर रही हैं। कई मौकों पर उन्होंने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जिंदगियां बचाई हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के एक डॉक्टर ने एक ऐसे ही मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित एक गर्भवती महिला को अस्पताल लाते समय एंबूलेंस में प्रसव पीड़ा शुरु हो गई। तब मजबूरन आशा वर्कर सीमा गुप्ता ने एम्बूलेंस में ही उसका प्रसव कराना पड़ा। उस समय आशा वर्कर के पास न पीपीई किट थी न फेस शील्ड न मास्क। मानवता का तकाजा था इसलिए आशा वर्कर ने अपनी चिंता नहीं करते हुए महिला का सुरक्षित प्रसव कराया।
लक्ष्मी नगर स्थित गवर्नमेंट डिस्पेंसरी की आशा वर्कर सीमा गुप्ता ने बताया कि गणेश नगर में एक महिला गभर्वती थी और वह कोरोना से ग्रस्त है। महिला और उसके परिवार वाले काफी घबरा गए हमारी टीम ने उन्हें होम क्वारंटीन कर दिया, क्योंकि महिला में एसिंप्टोमेटिक लक्षण थे। प्रतिदिन फोन कर उनका हाल चाल जाना जा रहा था। महिला अपना इलाज पहले से लाल बाहदुर शास्त्री अस्पताल में करवा रही थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने के बाद महिला को लाल बाहदुर शास्त्री अस्पताल ने एडमिट करने से मना कर दिया था।
महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो महिला ने हमें कॉल किया उसके बाद हम लोगों ने एंबुलेंस बुलाई लेकिन एंबुलेंस आने में काफी देर हो गई जब एंबुलेंस आई तो महिला को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए लेकर जा रहे थे कि रास्ते में तेज दर्द शुरू हो गया उस स्थिति में मेरे पास न तो पीपीई किट थी और न ही कोई फेस शील्ड और न ही मास्क। ऐसे में इंसानियत के नाते ग्लव्स और मास्क लगाकर एंबुलेंस में ही डिलीवर करवानी पड़ी। ईश्वर की कृपा से सब ठीक है।
रीजनल नार्थ
कोरोना से पीड़ित महिला की एंबुलेंस में कराई डिलीवरी, बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव