नई दिल्ली । मणिपुर विधानसभा में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहने वाले कांग्रेस के आठ में से पांच विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। दिल्ली में मुख्यमंत्री एन। बीरेन सिंह, पार्टी महासचिव राम माधव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैजयंत जय पांडा की उपस्थिति में पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सभी पांचों पूर्व विधायकों ने बुधवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
इस अवसर पर माधव ने कांग्रेस पर बीरेन सिंह सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि अब उनकी सरकार स्थिर है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने मणिपुर में बीरेन सिंह की सरकार गिराने के तमाम प्रयास किए। यहां तक कि हमारे विधायकों को प्रलोभन तक दिया गया और षडयंत्र रचा गया। दरअसल, कांग्रेस जो आरोप राजस्थान और मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर हमारे ऊपर लगा रही थी, वही काम वह मणिपुर में कर रही थी।''
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तमाम प्रयास विफल हुए। बीरेन सिंह सरकार विधानसभा में खुद विश्वास मत लेकर आई और जीत हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘ये सरकार स्थायी रूप से चलेगी। डेढ़ साल का बचा कार्यकाल तो पूरा करेगी ही साढ़े छह साल हमारी सरकार चलेगी। हम अगला चुनाव जीतेंगे और फिर से सरकार में आएंगे।''
माधव ने दावा किया कि कांग्रेस के षडयंत्रों से राज्य के कांग्रेस विधायकों में असंतोष था। इसी का परिणाम है कि उसके विधायक भाजपा में आ रहे हैं।
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मणिपुर में भाजपा सरकार बचाने वाले कांग्रेस के पांच विधायकों ने भाजपा का दामन थामा