
नई दिल्ली । आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के दो सदस्यों ने पटियाला हाउस की विशेष एनआइए अदालत में खुद को दोषी स्वीकार कर लिया है। इन पर भारत में आइएस की पैठ जमाने के लिए भारतीय मुस्लिम युवाओं को संगठित करने का आरोप है। आरोपियों ने जुनुद उल खिलाफा फिल हद नाम से एक संगठन बनाया था, जो आइएस के लिए काम करता था।
एनआइए ने 2015 में केस दर्ज कर आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में छह अन्य आरोपी पहले ही खुद को दोषी मान चुके थे। आरोपी अबू अनस और नजमुल हुदा ने खुद को दोषी मानते हुए अर्जी में कहा कि भविष्य में वे ऐसा कोई गैर कानूनी काम नहीं करेंगे। उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस लौटने का मौका दिया जाए।
वहीं, छह दोषियों की सजा पर बहस करने के लिए सुनवाई 24 अगस्त के लिए टाल दी गई। मुदाबीर शेख, मोहम्मद शरीफ, आसिफ अली, मोहम्मद हुसैन खान, सयद मुजाहिद और मोहम्मद अजहर खान को सजा सुनाई जानी है। बुधवार को खुद को दोषी मानने वाले आरोपितों की दलील पर भी 24 अगस्त को ही विचार किया जाएगा।