YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

 तीन माह में एम्बुलेंस में हुई तीन गुना बढ़ोतरी

 तीन माह में एम्बुलेंस में हुई तीन गुना बढ़ोतरी

नई दिल्ली । दिल्ली में कोविड-19 सेवा में तैनात की गई मुफ्त एम्बुलेंस की संख्या में अब बढ़ोतरी कर दी गई है। पिछले तीन महीनों में इसे तीन गुना बढ़ा दिया गया है इसी के साथ एम्बुलेंस की प्रतिक्रिया का समय भी अब पहले के मुकाबले घटकर एक-तिहाई रह गया है। स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ सरकारी ने ये जानकारी दी। कोविड -19 संकट कॉल के लिए एम्बुलेंस की प्रतिक्रिया का आकलन करने की मांग के बाद ये रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर को सौंपी गई। रिपोर्ट के अनुसार 15 मई तक कोविड ड्यूटी पर 164   एंबुलेंस थीं। जिसमें प्रति कॉल 55 मिनट का रेसपोंस समय था। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब इनकी संख्या बढ़ाकर 594 कर दी गई है जिससे उनके रेसपोंस का समय 18 मिनट हो गया है। इतने कम समय में एम्बुलेंस की संख्या बढाने के लिए सरकार ने छोटे और मध्यम स्तर के सेवा प्रदाताओं के साथ कॉन्ट्रेक्ट किए और न केवल दिल्ली के भीतर बल्कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से भी एंबुलेंस को काम पर रखा। सीनियर अधिकारी ने बताया 15 मई के आसपास एम्बुलेंस सामूहिक रूप से हर दिन लगभग 750 कोविड से संबंधित इमरजेंसी कॉल में लेते थे। सहायता केंद्र औसतन एक दिन में 222 इमरजेंसी कॉल करने वालों को मना करने के लिए मजबूर होते थे, इस प्रकार लोग को पैसे वसूलने वाली निजी एम्बुलेंस पर भरोसा करने के लिए मजबूर होते थे। रेसपोंस समय तब प्रति कॉल 55 मिनट था दिल्ली में जून के महीने में कोरोना का चरम देखा गया जिसमें दिल्ली ने एक दिन में 3,500 से ज्यादा मामले दर्ज किए. लेकिन अब ये संख्या गिर कर 1,100 हो गई है। कोरोना चरम के दौरान लोगों को शिकायतें थी कि एम्बुलेंस सर्विस से मदद नहीं मिल पा रही है। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तरह के मुद्दों को हल करने के बाद सरकार ने केंद्रीय लाइनों की संख्या बढ़ा दी, इसे 31 जून तक 20 से बढ़ाकर 30 कर दिया। सरकारी एम्बुलेंस अस्पतालों और कोरोना सेंटरो के लिए मरीज के घर से उन्हें उठाकर लाती है. 584 एम्बुलेंसों के अलावा सरकार ने गैर-कोरोना इमरजेंसी के लिए 200 एम्बुलेंस अलग से रखी हैं और फिर निजी अस्पताल और सेवा प्रदाता हैं जिनके पास एम्बुलेंस का अपना बेड़ा है - जिसकी संख्या सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 800 आंकी गई है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत, एम्बुलेंस को प्रत्येक यात्रा के पूरा होने पर धूमन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। प्रत्येक एम्बुलेंस में एक ड्राइवर और एक पैरामेडिक स्टाफ होता है। वे अपनी शिफ्ट में पूरे पीपीई किट में तैयार होकर 12 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं।
 

Related Posts