विश्व के चौथे लोकतांत्रित देश इंडोनेशिया में आम चुनावके साथ राष्ट्रपति और उपपाष्टपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। बुधवार को आए शुरुआती नतीजों के मुताबिक मौजूदा राष्ट्रपति जोको विडोडो जीत दर्ज कर रहे हैं। वह 5 साल के लिए दोबारा इस पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं। 5 स्वतंत्र सर्वेक्षण समूहों के अनुसार विडोडो अपने प्रतिद्वंदी और राष्ट्रवादी नेता प्राबोवो सुबियांतो के खिलाफ स्पष्ट तौर पर बढ़त लिए दिख रहे हैं। सुबियांतो, सुहार्तो के सैन्य शासन में सेना के जनरल थे। इन सर्वेक्षण संगठनों ने चुनिंदा मतदान केंद्रों के नमूने लेकर वोटों की एक त्वरित गणना की है। पिछले चुनावों में भी इनके आकलन भरोसेमंद साबित हुए हैं। नमूना मतदान केंद्रों के 80 प्रतिशत का औसत विडोडो को 54 से 56 प्रतिशत वोट मिलते दिखा रहा है। यह उन्हें 2014 में मिले मत प्रतिशत से बेहतर स्थिति है।
दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया को 2030 तक दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की उम्मीद है। विडोडो का दूसरा कार्यकाल देश के लोकतांत्रीकरण की 2 दशक की यात्रा को और मजबूत बना सकता है। विडोडो पहले ऐसे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति हैं जो जकार्ता के कुलीन वर्ग से नहीं आते हैं। मतदान खत्म होने के कुछ घंटो बाद ही अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए विडोडो ने कहा कि उन्हें अपनी बढ़त का अनुमान है। उन्होंने राष्ट्र से आग्रह किया कि चुनाव अभियान के विभाजन के बाद अब वह फिर से एकजुट हो जाए। उन्होंने कहा कि एक्जिट पोल के अनुमानों और त्वरित गणना के मुताबिक भी हम सब देख सकते हैं। लेकिन हमें चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक निर्णय की घोषणा करने तक धैर्य रखना चाहिए। वर्ष 2014 में भी सुबियांतो, विडोडो से राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे। बोर्नियो के जंगलों से लेकर जकार्ता की बस्तियों तक करीब 17 हजार द्वीपों में 8 लाख मतदान केंद्रों पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति पद और सांसदों के चुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ। इंडोनेशिया में करीब 19 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने ढांचागत परियोजनाओं के लिए सराहे जा रहे निवर्तमान राष्ट्रपति विडोडो और पूर्व सेना प्रमुख सुबियांतो में से एक को चुनने के लिए यह मतदान किया।
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इंडोनेशिया चुनाव- विडोडो के प्रति लोगों में दिखा रुझान, दूसरी बार बन सकते हैं राष्ट्रपति