आर्थिक संकट का सामना कर रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज का परिचालन अस्थायी रूप से बंद हो गया है, क्योंकि बैंकों ने कम्पनी को 400 करोड़ रुपए का इमरजेंसी फंड देने से इंकार कर दिया है। सरकार कंपनी के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी और कर्जदाताओं पर फैसला छोड़ दिया है। भारी कर्ज में फंस चुकी कंपनी के पांच ही विमान इस समय संचालन में हैं। 25 साल पुरानी एयरलाइन कंपनी पर 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। जैट एयरवेज के कर्मचारी एयरलाइंस को बचाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए गुरुवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। वहीं जैट एयरवेज के अस्थायी रूप से परिचालन बंद करने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को हवाई अड्डा संचालकों तथा विमान सेवा कंपनियों की बैठक बुलाई है। यदि कम्पनी बंद होती है तो 20 हजार लोगों की नौकरी चली जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले कैलेंडर वर्ष में 4,244 करोड़ रुपए का नुक्सान उठा चुकी कम्पनी द्वारा जनवरी से पायलटों, रख-रखाव अभियंताओं और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन दिया जा रहा था लेकिन उन्हें भी मार्च का वेतन अब तक नहीं मिला है। जैट एयरवेज पहले ही अपने अंतर्राष्ट्रीय परिचालन को 18 अप्रैल तक स्थगित करने की घोषणा कर चुकी है। जैट एयरवेज ने कहा है कि उसे एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के गठजोड़ से नगदी का इंतजार है, जिससे वह अपनी सेवाओं में आ रही गिरावट को रोक सके।