वोडाफोन आइडिया कंपनी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि दूरसंचार कंपनियों को महत्वपूर्ण ढांचे की तरह नहीं समझा जाता। कंपनी का कहना है कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र पर शराब और सिगरेट जैसे गैरजरूरी उत्पादों की तरह कर लगाया जाता है। वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बालेश शर्मा ने कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र पर 23 प्रतिशत सीमा शुल्क और 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है। वोडाफोन आइडिया पर करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। कंपनी के मौजूदा शुद्ध कर्ज में 80 प्रतिशत स्पेक्ट्रम भुगतान से संबंधित है। हमने स्पेक्ट्रम के लिए काफी पैसा दिया है। इसी वजह से हमारी कंपनी ऊपर कर्ज का इतना बोझ है। इसके इलावा स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क (एसयूसी) और यूएसओएफ शुल्क और अन्य शुल्क देने पड़ते हैं। यह अत्यधिक कर का वातावरण बनाता है। अगर सरकार डिजिटल इंडिया में भरोसा करती है तो दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण ढांचागत बनाना होगा और इस क्षेत्र में सुधार पर काम करने की जरूरत है। शर्मा का कहना है कि सरकार को दूरसंचार उद्योग को कमाने वाली मशीन की तरह नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे महत्वपूर्ण ढांचा समझा जाना चाहिए।