मुंबई,। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों पर आधारित महाराष्ट्र सरकार ने भी कोविड-19 के परीक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। जिसमें कोविड-19 का परीक्षण करने वालों को तीन समूहों में विभाजित किया जायेगा। जिसे तत्काल इलाज की ज़रुरत है, उनकी एंटीजेन टेस्ट और संदिग्ध मौत, गर्भवती महिलाएं और ऑपरेशन के पहले कोविड-19 की टेस्ट की जाएगी। वर्तमान में सभी की एंटीजेन टेस्ट की जा रही है। दरअसल महाराष्ट्र के सभी जिलों में कोरोना के मरीज़ पाए जा रहे हैं। वहीं मरीज़ों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसलिए आयसीएमआर ने कोरोना टेस्ट के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किये हैं। यह दिशा-निर्देश, राज्य में कोरोना मरीज़ों को देखकर, कोरोना टेस्ट का एल्गोरिदम तैयार किया गया है।
- नए दिशा-निर्देश
1. कोरोना टेस्ट करने वाले लोगों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक समूह के लिए टेस्ट का प्रकार सूचीबद्ध किया गया है। जिसके अनुसार, जिन लोगों को इलाज के लिए तत्काल टेस्ट करनी है, उनकी एंटीजेन टेस्ट की जाएगी।
२. आरटीपीसीआर टेस्ट उनकी करनी है जिसमें कोरोना के लक्षण होने के बाद भी एंटीजेन टेस्ट निगेटिव आयी है। पॉजिटिव के साथ हाय रिस्क कांटेक्ट या विदेश से आये लोगों की भी आरटीपीसीआर टेस्ट की जाएगी।
3. संदिग्ध मौत, गर्भवती महिलाएं और ऑपरेशन के पहले कोविड-19 की टेस्ट की जाएगी।
4. मेंटल अस्पताल में दाखिल होने वाले नए मरीज़ को एक हफ्ता क्वारंटीन में रहना है। जिसके बाद उसकी एंटीजेन टेस्ट करके उसे आयसोलाशन या संबंधित वार्ड में भेजने का निर्णय लिया जायेगा।
5. जेल में भी आरोपी दाखिल होने के बाद उसे एक हफ्ता क्वारंटीन में रखें। जिसके बाद आरोपी की एंटीजेन टेस्ट करके उसे आयसोलाशन या संबंधित वार्ड में भेजने का निर्णय लिया जायेगा।
6. यात्रा करने वाले, एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले और व्यापारियों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं, तो टेस्ट करने की ज़रुरत नहीं है।
रीजनल वेस्ट
महाराष्ट्र में कोरोना परीक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी