वॉशिंगटन । आने वाली एक तारीख यानी 1 सितंबर को 20-40 मीटर चौड़ा एस्टरॉइड 2011इएस4 धरती के करीब से 1 सितंबर को गुजरेगा। इसकी धरती से दूरी फिलहाल 1।2 लाख किलोमीटर आंकी गई है यानी यह धरती और चांद के बीच में काफी करीब होगा। यह दूरी वैसे तो काफी कम है, लेकिन इसके धरती से टकराने की संभावना न के बराबर है। यह ऐस्टरॉइड 2011 में खोजा गया था और तब सिर्फ 4 दिन के लिए इसे देखा गया था। यह अपना एक चक्कर पूरा करने में 1।14 साल लगाता है। धरती के साथ इसकी कक्षा 9 साल में सिर्फ एक बार इसे हमारे करीब लाती है। हालांकि, इसका रास्ता फिर भी काफी अलग होगा और इससे पृथ्वी या पृथ्वी की किसी आर्टिफिशल सैटलाइट को खतरा नहीं है।
कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले 2 नवंबर को ऐस्टरॉइड 2018 वीपी1 के धरती से टकराने की आशंका जताई गई थी। इस एस्टरॉइड के धरती से टकराने की संभावना 0।41% है। हालांकि, बावजूद इससे नुकसान का खतरा नहीं है। दरअसल, कार के आकार का यह ऐस्टरॉइड इतना छोटा है कि वायुमंडल में प्रवेश करते ही यह टूटकर जल जाएगा और धरती पर धूल बनकर गिर जाएगा।
नासा की सेंट्री रिस्क टेबल में ऐसे खतरनाक एस्टरॉयड पर नजर रखी जाती है, ताकि भविष्य में इनसे होने वाले खतरे से बचा जा सके। इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे एस्टरॉइड्स हैं, जिनके पृथ्वी से टकराने की संभावना है। धरती को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी एस्टरॉइड से है, तो वह है 29075 1950 डीएआई यह एस्टरॉयड एक किलोमीटर चौड़ा है, जिसे पोस्टेशियली हैजार्डस एस्टेरायड (पीएचए) की श्रेणी में रखा गया है।
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एक सितंबर को धरती के करीब से गुजरेगा एस्टेरॉयड, पृथ्वी से टकराने का खतरा नहीं