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(ज्वलंत मुद्दा) मोदी के नाम पर अब नही मिलेंगे वोट! 

(ज्वलंत मुद्दा) मोदी के नाम पर अब नही मिलेंगे वोट! 

उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत जो कि निजी जीवन मे रामलीला के दशरथ भी है ,ने मीडिया के सामने एक बयान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभाव पर ही सवाल खड़े कर दिए है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत  का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट नही मिलेगा। भाजपा के विधायक जनप्रतिनिधियों को बंशीधर भगत ने चेतावनी भी दी और कहा कि अब नरेंद्र मोदी के नाम पर किसी की भी नैया पार नहीं होगी।उन्होंने माना कि लोगों ने नरेंद्र मोदी के नाम पर बहुत वोट दे दिए हैं ।अब विधायक जनप्रतिनिधियों को लोगों के बीच जाकर परफॉर्म करना होगा ,तभी जनता उनको वोट देगी ।इसके साथ ही उन्होंने आने वाले चुनाव को लेकर खराब परफॉर्मेंस वाले विधायक जनप्रतिनिधियों को टिकट न देने की बात भी कही है ।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत  ने साफ कहा कि जिन विधायक जनप्रतिनिधियों का परफॉर्मेंस अच्छा रहेगा ,उनको ही आगामी चुनाव में टिकट दिए जाएंगे।
  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने यह बात क्या सोचकर  कही यह तो वही बेहतर बता सकते हैं, लेकिन इससे यह साफ हो गया है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वह भरोसा नही रहा जिससे उनके नाम पर वोट मिल सके।उनकी इस बात का  मतलब राजनीतिक गलियारों में अलग अलग निकाला जा रहा है।
वहीं कांग्रेस ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के इस बयान पर चुटकी लेते हुए कहा है कि कांग्रेस पहले से ही जो कहती  आई है, अब वही सच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के होठों पर आ गया है।
 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2022 में होने वाले विधानसभा के चुनाव बहुत  महत्वपूर्ण हैं। इन चुनावों में जीतने के लिए विधायकों को पहले से कही अधिक कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। 
बंशीधर का कहना है कि इस बार विधायकों को चुनाव में जीतने के लिए स्वयं ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों के सामने अपनी प्रतिभा को दिखाना होगा और लोगों से वोट प्राप्त करने होंगे। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा, 'इस बार मोदी लहर के सहारे अब किसी की भी नैया पार नहीं होगी। स्वयं ही विधायकों को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, सबको प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जाना होगा और वहां लोगों से वोट मांगने होंगे।' 
उत्तराखंड भाजपा  अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि, 'पहले की तरह अब ऐसा नहीं होगा कि मोदी के नाम से ही विधायकों को वोट मिल जाएगा।'उनकी नजर में परिस्थितियों में बदलाव आ गया है।पहले जैसी मोदी लहर अब नही है।उनके बयानों से तो यही लगता है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “अब ऐसा नहीं है कि लोग मोदी के नाम से वोट दे देंगे। बहुत दे दिए मोदी के नाम से वोट। आगे उन्हें स्वयं मेहनत करनी होगी।” उन्होंने कहा कि अगर विधायक केवल मोदी के नाम से जीतने का भाव मन में रखेंगे, तो यह गलत होगा ।
कांग्रेस ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के बयान को मोदी लहर की समाप्ति की स्वीकारोक्ति के रूप में लेते हुए इसे सच्चाई भरा बयान बताया है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, “हम भगत को सही बयान जारी करने के लिए बधाई देते हैं । उन्होंने स्वीकार किया है कि मोदी लहर समाप्त हो गयी है । इसलिए वे अपने विधायकों को वोट के लिए अपने प्रदर्शन पर भरोसा करने की सलाह दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य की स्वीकारोक्ति भी है कि पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के संसदीय चुनाव केवल मोदी के नाम से ही जीते थे ।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से लगभग दो वर्ष की दूरी पर खड़ी भाजपा संगठन की कमान इस समय बुजुर्ग नेता बंशीधर भगत के हाथों में है। बंशीधर भगत राजनीतिक होने के साथ ही रामलीला में ‘दशरथ’ का किरदार निभाते रहे हैं।
जिस रामलीला में वे दशरथ बनते हैं, उसमें तो ‘राजतिलक’ ‘राम’ का होता है। लेकिन युवाओं के प्रतीक ‘राम’ के बजाए भाजपा द्वारा ‘दशरथ’ पर भरोसा करना मोदी और शाह के फॉर्मूले से कुछ अलग प्रयोग माना जा रहा है। केंद्र और राज्यों की सत्ता पर काबिज होने के लिए उनका  एक ही फार्मूला रहा है, कि अनुभवी युवा चेहरो को आगे लाना। इसी फॉर्मूले के दम पर भाजपा युवा वोट बैंक को साधने में कामयाब रही। प्रदेश में करीब 30 फीसदी युवा मतदाता हैं।लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी बुजुर्ग बंशीधर भगत के हाथों में होने और उनके द्वारा पहले उत्तराखंड के प्रति अशोभनीय टिप्पणी करने वाले विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन को पुनः भाजपा में शामिल कर मूल पर्वतीय लोगो को नाराज करने और अब मोदी के ही प्रभाव को नकारने से बंशीधर भगत मुश्किल में पड़ सकते है।
भाजपा ने अपने रथ की कमान ‘दशरथ’ के हाथों में सौंपकर कौन सी सियासी चाल चली है, यह भाजपा  के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को  भी समझ नही आ रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, “निश्चित रूप से अब मैं कह सकता हूं कि मोदी लहर के सहारे अब किसी की नैया पार नहीं होगी, स्वयं मेहनत करनी पड़ेगी। सबको क्षेत्र में जाना पड़ेगा, क्षेत्र में जाकर के लोग मेहनत करेंगे तब लोग उनको वोट देंगे।”
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी के शब्दों में, “उनके इस ब्यान से ये बात साबित हो जाती है कि आज तक भाजपा सारे चुनाव मोदी के नाम पर जीतती आयी है। जन प्रतिनिधियों का कोई भी ध्यान जनता और अपनी विधानसभा के प्रति नहीं रहा है और अब वो समझ गए है कि मंहगाई और बेरोजगारी से लेकर किसानों और अर्थव्यवस्था की दुर्दशा के बाद अब लोग मोदी के नाम पर वोट नहीं देंगें अब काम करना पड़ेगा।”
उत्तराखंड में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी आम आदमी पार्टी इसे अपनी धमक और डर बता रही है। आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र आनंद का कहना है कि “इस ब्यान के मायने यही है कि अब तक भजपा सरकार ने प्रदेश में कोई काम धरातल पर नहीं किया है और आम आदमी पार्टी की धमक के बाद अब तीन साल से ज्यादा समय के बाद अब भाजपा काम करने की बात कर रही है।”
बहरहाल बंशीधर भगत अपने ही बयानों के कारण फंस गए है।उनसे अपने इस बयान को न उगलते बन रहा है और न ही निगलते।उनके इस बयान के कारण भाजपा के अन्य नेता भी असहज दिखाई पड़ रहे है।हालांकि बाद में अपनी सफाई देते हुए बंशीधर भगत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शान में कसीदे गढ़ने की भी कोशिश की परन्तु अब पछताए क्या होत है जब चिड़िया चुग गई खेत।
(लेखक-श्रीगोपाल नारसन)

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