YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

इकॉनमी

हवाई यात्रियों की मदद के लिए सक्रिय हुई सरकार, एयर इंडिया ने बढ़ाया मदद का हाथ

हवाई यात्रियों की मदद के लिए सक्रिय हुई सरकार, एयर इंडिया ने बढ़ाया मदद का हाथ

निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के विमानों का परिचालन बंद होने के बाद यात्रियों की सहायता के लिए एयर इंडिया सामने आई है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने कहा है कि जिस मार्ग पर दोनों कंपनियों की सीधी उड़ान सेवा थी, उस पर जेट एयरवेज के इकॉनमी क्लास के यात्रियों को एयर इंडिया सस्ते टिकट उपलब्ध कराएगी। 
हालांकि जेट एयरवेज के यात्रियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसकी वजह यह है कि इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी आइएटीए ने जेट एयरवेज को क्लियरिंग हाउस सिस्टम की सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इससे यात्रियों को रिफंड मिलने में बड़ी दिक्कत हो सकती है।
नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश पर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने गुरुवार को पहले एयरपोर्ट ऑपरेटरों और फिर एयरलाइंस कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा की। उन्होंने यात्रियों और उद्योग की भलाई के लिए कंपनियों को आपस में सहयोग करने का अनुरोध किया।
सरकार ने एयरपोर्ट ऑपरेटरों और एयरलाइंस से कहा है कि वे जेट एयरवेज की उड़ाने रद होने से परेशान यात्रियों को अन्य उड़ानों में भेजने के लिए आवश्यक इंतजाम करें और उनसे बेहिसाब किराया न वसूल करें। जेट की रद्द उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई अतिरिक्त किराया नहीं वसूलने को कहा गया है। साथ ही परेशान यात्रियों की मानवीय आधार पर मदद करने की सलाह भी दी गई है।
एयरलाइंस की बैठक में एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा, गो एयर और जेट एयरवेज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारी भी मौजूद थे। इस बीच, जेट एयरवेज के प्रबंधन ने यात्रियों को आने वाले दिनों के लिए भी अच्छे संकेत नहीं दिए हैं। कंपनी ने प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों को घर बैठने को कहा है। वहीं, निचले स्तर के कर्मचारियों के शिफ्ट में कई बदलाव किए गए हैं।

जेट संकट के पीछे कॉरपोरेट वार
जेट एयरवेज स्टाफ एसोसिएशन के सैकड़ों सदस्यों ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर एकत्र होकर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। इनका कहना था कि जेट का संकट कॉरपोरेट वार की उपज है, जिसमें स्पर्धी एयरलाइंस कंपनियों की भूमिका है। सरकार को चाहिए कि वह जेट संकट के समाधान के लिए बैंकों पर 1,500 करोड़ रुपए तत्काल जारी करने का दबाव डाले, जिसका उन्होंने वादा किया था।

10 मई के बाद ही वेतन संभव
दूसरी तरफ जेट स्टाफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुंबई में सिरोया सेंटर स्थित जेट के मुख्यालय में प्रबंधन से कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान को लेकर बात की। उनका कहना था कि जब कर्मचारियों की कोई छटनी नहीं हुई है, तो उन्हें उनका वेतन मिलना चाहिए। इस पर प्रबंधन की ओर से उन्हें बताया गया कि फिलहाल कंपनी के पास वेतन देने के लिए रकम नहीं है। कर्मचारियों को 15-20 दिन और धैर्य रखना चाहिए।

यात्रियों को इंतजार करने की सलाह
कंपनी ने रद्द उड़ानों और एडवांस बुकिंग से प्रभावित यात्रियों को उनकी पूरी रकम रिफंड करने का वादा किया है। लेकिन उसने जेट पोर्टल से बुकिंग करने वाले यात्रियों से कम से कम 10 दिन इंतजार करने को कहा है। हालांकि जिन यात्रियों ने ट्रैवेल एजेंसियों के माध्यम से टिकट बुक कराए हैं उन्हें रिफंड के लिए 20 से 40 दिनों तक सब्र करना पड़ सकता है।

जेट के लिए यूं बीता गुरुवार
डीजीसीए ने कहा कि वह जेट एयरवेज से 'ठोस और विश्वसनीय' पुनरुद्धार योजना पेश करने को कहेगा और नियमों के दायरे में रहकर कंपनी की हरसंभव मदद करेगा। डीजीसीए ने एयरपोर्ट ऑपरेटरों को हर एयरपोर्ट पर एयरलाइंस कंपनियों को अतिरिक्त स्लॉट उपलब्ध कराने तथा यात्रियों के लिए अतिरिक्त काउंटर खोलने को कहा। 
मुंबई उच्च न्यायालय ने जेट एयरवेज संकट में हस्तक्षेप करने से साफ इन्कार किया। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में सरकार या आरबीआइ को कोई निर्देश नहीं दे सकता है। एसबीआइ के नेतृत्व में कर्जदाता बैंकों ने कहा कि उन्हें जेट एयरवेज के लिए बोली प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न होने की ठोस उम्मीद है। जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने मौजूदा संकट के लिए सरकार और कर्जदाताओं को जिम्मेदार ठहराया।

Related Posts